Watch Video : ‘‘गृह क्षेत्र के विवाद को हल करवाने में नाकाम रहे CM कैसे हल करेंगे प्रदेश के विवाद’’

Saturday, Feb 17, 2018 - 05:49 PM (IST)

ऊना: अपने गृह क्षेत्र जंजैहली में उठे विवाद पर नाकाम रहने वाले मुख्यमंत्री प्रदेश के विवादों को कैसे हल करेंगे, यह सवाल प्रदेश की जनता के जहन में घूम रहा है। एक ओर एस.डी.एम. को 3 से 4 दिन बिठाने के चक्कर में फेरीवाला बनाया जा रहा है तो दूसरी ओर मुख्यमंत्री अपने ही गृह क्षेत्र की जनता के बीच जाकर बात करने का साहस नहीं जुटा पा रहे हैं। यह बात कांग्रेस विधायक दल के नेता मुकेश अग्रिहोत्री ने ऊना में जारी बयान में कही। उन्होंने कहा कि जंजैहली मामले में प्रदेश सरकार एस.डी.एम. को फेरीवाला बनाने से परहेज करे। इस मामले में सरकार के साथ-साथ मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर भी फेल हुए हैं। उन्होंने कहा कि बेहतर होता कि शिवरात्रि की शोभायात्रा के साथ-साथ में जंजैहली का दौरा कर जनता से संवाद स्थापित करते। जनता आंदोलन कर रही है, ऐसे में सवाल तो उठेंगे ही। उन्होंने कहा कि प्रदेश की भाजपा सरकार कांग्रेस को कोसने की नीति पर चल रही है। 

केंद्रीय योजनाओं को आगे बढ़ाने में सांसदों का नहीं योगदान
उन्होंने कहा कि केंद्रीय योजनाओं को आगे बढ़ाने में सांसदों का कोई योगदान नहीं है। इसका उदाहरण यह है कि यू.पी.ए. सरकार ने जिला कांगड़ा के केंद्रीय विश्वविद्यालय की घोषणा की है, जोकि आज दूसरे भवनों में चल रहा है। इसका स्थायी भवन सांसद के कारण ही नहीं मिला है। इसका शिलान्यास तक नहीं हो पा रहा है, जबकि पूर्व वीरभद्र सरकार ने इसके लिए भूमि भी दी है। उन्होंने कहा कि भाजपा बताए कि सांसद क्यों इस मसले पर राजनीति कर रहे हैं और सैंट्रल यूनिवर्सिटी को 4 साल में मोदी सरकार के समय क्यों आगे नहीं बढ़ाया गया है। 

सलोह में ट्रिप्पल आई.टी योजना को लटकाया 
उन्होंने कहा कि ट्रिप्पल आई.टी. सलोह में स्थापित करने के लिए पूर्व वीरभद्र सरकार ने 20 करोड़ रुपए का प्रबंध किया था, उसकी गारंटी दी है और सभी औपचारिकताएं पूरी कर उसे केंद्र में दिया था। केंद्र में सरकार बदलने के चलते इस योजना को लटकाने का काम किया गया। उन्होंने कहा कि अब जब भाजपा व केंद्र सरकार के पास कोई ऑप्शन नहीं था तो इसे मंजूरी देनी पड़ी और प्रधानमंत्री के शिलान्यास के बाद तुरंत काम शुरू होना चाहिए था,लेकिन आज भी सलोह में एक ईंट इसकी नहीं लग पा रही है। इस पर जवाब दिया जाना चाहिए कि आखिर क्यों यह काम शुरू नहीं हो पा रहा है।