CM के दरबार पहुंचा विवाद, प्रधान बोले- बाबा की एंट्री न रोकी तो उठाएंगे यह बड़ा कदम

Tuesday, May 16, 2017 - 10:36 AM (IST)

शिमला: हिमाचल के सोलन के साधु पुल स्थित रामलोक आश्रम के बाबा अमरदेव की मुश्किलें बढ़ गई हैं। बाबा को लेकर स्थानीय ग्रामीणों का गुस्सा बढ़ता ही जा रहा है। इसी कड़ी में सोमवार को करीब 22 से अधिक पंचायतों के ग्रामीणों का प्रतिनिधिमंडल मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह से मिलने सचिवालय पहुंचा। इस अवसर पर पंचायत प्रतिनिधियों ने दो टूक कहा कि यदि सरकार बाबा की श्री रामलोक मंदिर और आसपास के क्षेत्रों में एंट्री बैन नहीं करती है तो वे सामूहिक इस्तीफा देंगे और उसके बाद संबंधित पंचायत के लोग आने वाले विधानसभा चुनावों को बहिष्कार करेंगे। सचिवालय में मीडिया से अनौपचारिक बातचीत में ग्राम पंचायत कोट के प्रधान हीरा नंद शांडिल ने कहा कि बाबा से जुड़े विवाद में महापंचायत हो चुकी है और इसमें निर्णय लिया गया है कि बाबा को मंदिर व आसपास के क्षेत्र में घुसने नहीं दिया जाएगा। उन्होंने कहा कि बाबा की गतिविधियां संदेह के घेरे में हैं। एक साल पहले बाबा के कब्जे से 100 से अधिक तलवारें बरामद हुई हैंं। इसके साथ ही 4 खालें भी मिली हैं लेकिन दोनों मामलों पर कोई कार्रवाई नहीं हुई।


सभी पंचायतें विधानसभा का करेंगी बहिष्कार
उन्होंने पूछा कि ऐसा किसके इशारे पर हुआ, यह एक बड़ा सवाल है। उन्होंने कहा कि यदि कोई अन्य ऐसे मामलों में संलिप्त होता तो वह इस समय जेल की हवा खा रहा होता लेकिन बाबा की हाईप्रोफाइल सांठगांठ होने के चलते कोई कार्रवाई अभी तक नहीं हुई है। उन्होंने कहा कि बाबा की सांठगांठ को लेकर भी जांच होनी चाहिए। उन्होंने कहा कि ग्रामीणों को पूरी आशा है कि मुख्यमंत्री उनकी मांग को पूरा करेंगे। शांडिल ने कहा कि यदि फिर भी मांग पूरी नहीं होती है तो पुन महापंचायत की जाएगी। पूरे मामले को लेकर गठित कमेटी ही सहसंयोजिका आरती शर्मा ने कहा कि बाबा का आतंक किसी भी सूरत में सहन नहीं किया जाएगा। उन्होंने कहा कि यदि मांग पूरी नहीं होती है तो 22 से अधिक पंचायतों के प्रधान सामूहिक इस्तीफा देंगे। उन्होंने कहा कि इसके बाद भी यदि कुछ नहीं होता तो सभी पंचायतें विधानसभा का बहिष्कार करेंगी। प्रतिनिधिमंडल में 22 पंचायतों के प्रतिनिधियों और 25 देवठियों के करीब 200 से अधिक लोग शामिल थे।


मंदिर का सरकार करे अधिग्रहण
स्थानीय ग्रामीणों ने सरकार से श्री राम लोक मंदिर का अधिग्रहण करने की भी मांग की है। ग्रामीणों ने कहा है कि मंदिर व आसपास के क्षेत्रों में बाबा की एंट्री पूरी तरह से बैन की जानी चाहिए। पंचायत प्रतिनिधियों ने आरोप लगाया कि क्षेत्र में बाबा ने आतंक का माहौल बनाया हुआ है। ऐसे में उसे यहां हरगिज भी बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। ग्रामीणों ने बाबा द्वारा विधवा महिला पर किए गए हमले की कड़ी निंदा की है। आरोप हैं कि बाबा यहां अपने रखूक से लोगों को डराने-धमकाने का भी प्रयास करता है। कंडाघाट ब्लाक समिति के पूर्व अध्यक्ष आर.डी. शर्मा ने कहा कि बाबा ने गांववासियों को लेकर जो झूठे केस बनाए हैं, उन्हें सरकार वापस ले।


सम्पत्ति और आय के स्रोतों का हो खुलासा
उपप्रधान योगेश शर्मा ने कहा कि बाबा की सम्पत्ति की जांच होनी चाहिए। उन्होंने कहा कि बाबा ने करोड़ों की सम्पत्ति किस तरह से अर्जित की, इसका खुलासा होना चाहिए। उन्होंने कहा कि बाबा के आय के क्या स्रोत हैं और कौन-कौन उसे सहयोग कर रहे हैं और भी पता लगाया जाना चाहिए। 


मुख्यमंत्री ने ग्रामीणों को दिया एक सप्ताह में जांच पूरी करने का आश्वासन
बाबा अमरदेव को सरकार का कोई संरक्षण नहीं है। मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह ने मंगलवार को उनसे मिलने ओकओवर पहुंचे सोलन जिला की विभिन्न पंचायतों के प्रतिनिधिमंडल से यह बात कही। उन्होंने कहा कि जनता को सरकार पर भरोसा रखना चाहिए। मुख्यमंत्री ने प्रतिनिधिमंडल को आश्वासन दिया कि बाबा से जुड़े मामलों की एक सप्ताह के भीतर जांच पूरी की जाएगी। उन्होंने कहा कि इसके लिए उनके कार्यालय के अधिकारी मौके पर जाएंगे और सारे तथ्यों को खंगालने के बाद विस्तृत रिपोर्ट उन्हें सौपेंगे। मुख्यमंत्री ने कहा कि जांच रिपोर्ट में जो भी सामने आएगा, उस आधार पर नियमानुसार आगामी कार्रवाई अमल में लाई जाएगी। उन्होंने कहा कि सरकार का किसी को कोई संरक्षण नहीं है।