CM का ऐलान, FCA क्लीयरैंस में देरी पर केंद्रीय मंत्री को लिखेंगे पत्र

Wednesday, Mar 29, 2017 - 08:29 PM (IST)

शिमला (विकास शर्मा): विधानसभा में आज एफ.सी.ए क्लीयरैंस में हो रही देरी का मामला गूंजा। सदन में प्रश्नकाल के दौरान यह मामला उठा। सदन में सी.एम. वीरभद्र सिंह ने ऐलान किया कि एफ.सी.ए. मामलों में तेजी लाने का मामला केंद्रीय वन व पर्यावरण मंत्री से उठाएंगे। उन्होंने कहा वह केंद्रीय मंत्री को पत्र लिखकर उनसे एफ.सी.ए. मामलों में क्लीयरैंस में तेजी लाने को अनावश्यक आपत्तियां न लगाकर उसे जल्द निपटाने का आग्रह करेंगे। उन्होंने कहा कि एफ.सी.ए. मामलों के क्लीयरैंस को देहरादून में स्थापित भारत सरकार के कार्यालय में सरलीकरण की जरूरत है। उन्होंने यह भी ऐलान कि देहरादून कार्यालय से जो आपत्तियां आती हैं उन्हें 24 घंटे के भीतर दूर कर केस को तुरंत वापस भेजा जाए। सी.एम. ने यह जवाब कांग्रेस सदस्य आशा कुमारी द्वारा पूछे गए प्रश्न पर दिया। 

कांग्रेस सदस्य आशा कुमारी ने पूछा था सवाल
कांग्रेस सदस्य आशा कुमारी का सवाल था कि पिछले 3 वर्षों में सड़कों और पुलों के एफ.सी.ए. क्लीयरैंस के कितने मामले देहरादून भेजे हैं और कितने अब तक वहां से क्लीयर हुए हैं। इसके अलावा जो मामले लंबित हैं वे क्यों हैं। इस पर सी.एम. ने कहा कि पुलों और सड़कों के 3 वर्ष में 226 केस देहरादून भेजे हैं और इनमें से 43 की अंतिम मंजूरी दे दी है जबकि 98 की सैद्धांतिक मंजूरी दी है। इसके अलावा 119 मामले अभी तक वहां लंबित हैं। सी.एम. ने कहा कि देहरादून स्थित भारत सरकार के कार्यालय से कई मामलों में आपत्तियां लगी हैं और उन्हें दूर कर फिर से वहां भेजा जा रहा है। इसके लिए अधिकारियों को आदेश जारी किए हैं कि वे देहरादून से आने वाली आपत्तियों को 24 घंटे के भीतर दूर करके केस को तुरंत वापस भेजें।

नोडल अफसर निकाल रहा कई खामियां : महेश्वर सिंह
इस बीच बी.जे.पी. सदस्य महेश्वर सिंह ने कहा कि निचले स्तर से पूरा केस बनकर जब राज्य स्तर पर आता है तो यहां पर बिठाया गया एक नोडल अफसर इसमें कई खामियां निकाल रहा है और केस को लटकाया जा रहा है। उन्होंने प्रक्रिया के सरलीकरण की मांग की। वहीं जयराम ठाकुर ने सवाल किया कि क्या यह संभव नहीं है कि वन-गो में क्लीयरैंस की जाए और एक बार ही आपत्तियां आएं। बी.जे.पी. सदस्य रविंद्र रवि ने निचले स्तर पर केस बनाने में हो रही देरी के लिए रिटायर्ड पटवारी और कानूनगो को हायर करने की मांग की। 

पेचीदा है एफ.सी.ए. का मामला : वीरभद्र 
इन सवालों पर सी.एम. ने कहा कि एफ.सी.ए. का मामला पेचीदा है और यहां से जो केस जाते हैं वे पूरी तैयारी के साथ जाते हैं लेकिन फिर भी वहां से कोई न कोई आपत्ति लग जाती है। इस कारण इसमें देरी होती है। इसके बावजूद उनकी कोशिश है कि एफ.सी.ए. के मामले जल्द से जल्द क्लीयर करवाए जाएं क्योंकि इस कारण कई सड़कों का कार्य लटका हुआ है। वहीं रवि के सवाल पर सी.एम. ने कहा कि सरकार ने उनकी बात का संज्ञान लिया है।