CM ने की घोषणा, यहां बनेगा शहीद स्वतंत्रता सेनानियों का स्मारक

Wednesday, Feb 08, 2017 - 11:17 PM (IST)

ज्वालामुखी: मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह ने बुधवार को ज्वालामुखी के मातृ सदन में राज्य स्तरीय स्वतंत्रता सेनानी सम्मेलन में बतौर मुख्यातिथि शामिल होकर प्रदेश भर से आए स्वतंत्रता सेनानियों व उनके आश्रितों को शॉल व टोपी देकर सम्मानित किया। उन्होंने स्वतंत्रता सेनानियों की सभी जायज मांगों को पूरा किया और शहीद स्वतंत्रता सेनानियों की याद में धर्मशाला के दाड़ी में स्मारक बनाने की घोषणा की। मुख्यमंत्री ने कहा कि स्वतंत्रता सेनानियों ने भारत की आजादी के लिए कई त्याग और संघर्ष किए हैं, जिन्हें कभी भी भुलाया नहीं जा सकता है।

संजय रतन को आश्रितों का बताया उत्तराधिकारी
बिलासपुर के स्वतंत्रता सेनानी स्व. नरोत्तम शास्री की विधवा प्रेमी शास्त्री ने खुले मंच से उनकी मांगों को मुख्यमंत्री से बड़े शानदार तरीके से मनवाने के लिए न केवल विधायक संजय रतन का धन्यवाद किया बल्कि उनको स्वतंत्रता सेनानी परिवारों के आश्रितों का उत्तराधिकारी भी घोषित किया। इसका सभी स्वतंत्रता सेनानियों व उनके आश्रितों ने खड़े होकर तालियों के साथ स्वागत किया। 

विधवा स्वतंत्रता सेनानी को नहीं मिला सम्मान
राज्य स्तरीय सम्मेलन में हमीरपुर के बैरी बड़सर से आई महिला सुषमा ने कहा कि उनकी सास खैलो देवी विधवा स्वतंत्रता सेनानी स्व. लोका राम की मौत पर न तो प्रशासन की ओर से कोई सम्मान मिला और न ही स्वतंत्रता सेनानी की विधवा की अंत्येष्टिï के लिए कोई पैसा दिया गया। वह जब अधिकारियों के पास सहायता राशि के लिए गईं तो उन्हें कहा कि ऐसा कोई प्रोवीजन ही नहीं है। जब उनके साथ ऐसा हो रहा है तो अन्यों के साथ भी ऐसा होता होगा, फिर ऐसे सम्मेलन करके घोषणाएं करने का क्या लाभ जब मान-सम्मान ही नहीं मिलता है।

नागरिक अस्पताल का किया उद्घाटन
मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह ने ज्वालामुखी स्थित नागरिक अस्पताल का उद्घाटन भी किया। स्वतंत्रता सेनानी कल्याण बोर्ड के उपाध्यक्ष सुशील रतन ने मुख्यमंत्री का स्वागत किया तथा सभी स्वतंत्रता सेनानियों की ओर से उन्हें सम्मानित किया। विधायक संजय रतन नेे ज्वालामुखी में नागरिक अस्पताल खोलने के लिए मुख्यमंत्री का आभार प्रकट किया। उन्होंने स्वतंत्रता सेनानियों की मांगों को पेश किया तथा एक निश्चित समयावधि में नौकरियों में मिलने वाले 2 प्रतिशत बैकलॉग को स्वतंत्रता सेनानियों के आश्रितों को देने का आग्रह किया। उन्होंने कहा कि विवाहित पुत्रियों तथा पौत्रियों को भी वर्तमान में सरकारी नौकरी में मिलने वाले 2 प्रतिशत आरक्षण में लाना चाहिए।