शिमला में सचिवालय पर एक साथ गरजे बादल और अन्नदाता

Thursday, Apr 06, 2017 - 01:08 AM (IST)

शिमला: आसमान से बादल बरस रहे थे और शिमला में सचिवालय पर किसान। मुद्दा था भूमि और भवन नियमितीकरण, जंगली जानवर व बेसहारा पशुओं से निजात, दूध के दाम, मरनेगा की दिहाड़ी और काम के दिन बढ़ाए जाएं। बुधवार को शिमला उस वक्त लाल झंडों से पट गया और नारों की गर्जना से गूंज उठा, जब प्रदेश भर से आए किसानों ने अपनी मांगों को लेकर स्थानीय पंचायत भवन से सचिवालय की ओर मार्च किया। भारी बारिश के बीच प्रदेश के किसानों ने किसान सभा के बैनर तले राज्य सरकार के खिलाफ प्रदर्शन किया। उन्होंने सचिवालय का घेराव कर सरकार की नीति और नीयत पर सवाल उठाए। बाद में किसान सभा के राज्य अध्यक्ष डा. कुलदीप सिंह तंवर, राज्य सचिव व पूर्व विधायक राकेश सिंघा के नेतृत्व में सी.एम. की गैर-मौजूदगी में वरिष्ठ मंत्री विद्या स्टोक्स और मुख्य सचिव वी.सी. फारका को ज्ञापन सौंपे। 

नहीं तो सियासी खमियाजा भुगतने को तैयार रहे सरकार
किसान नेताओं ने सरकार से मांग की है कि उनकी समस्याओं पर सरकार ध्यान दे अन्यथा चुनावी वर्ष में सरकार इसका सियासी खमियाजा भुगतने को तैयार रहे। किसान सभा के राज्य अध्यक्ष ने कहा कि सरकार छोटे किसानों को ही बगीचों से हटा रही है और उनके ही सेब के पेड़ काट रही है। उन्होंने कहा कि जंगली जानवरों के कारण उन्हें खेती छोडऩे को मजबूर होना पड़ रहा है। उन्होंने इसका स्थायी समाधान निकालने की मांग की।