आधी रात को लड़ाई का अखाड़ा बना नूरपुर अस्पताल, युवकों में जमकर चले लात-घूंसे

Thursday, Aug 02, 2018 - 08:52 PM (IST)

नूरपुर: पुलिस का फोन बजता रहा और अस्पताल में हुड़दंग मचता रहा। बुधवार रात 12 बजे के बाद नूरपुर अस्पताल मरीजों के इलाज का ठिकाना नहीं बल्कि लड़ाई का अखाड़ा बन गया। करीब एक घंटे तक अस्पताल में लात-घूंसे चलते रहे। अस्पताल में अचानक 20 से 25 युवक घुसे और किसी बात पर आपस में गुत्थमगुत्था हो गए। अस्पताल के माइनर ऑप्रेशन थिएटर में चिकित्सक एक घायल को प्राथमिक उपचार दे रहीं थीं तो कक्ष के बाहर युवकों का झुंड एक-दूसरे से मारपीट कर रहा था। अस्पताल में दाखिल मरीज तथा उनके तीमारदार भी सहमे हुए इस लड़ाई को छुप-छुप कर देख रहे थे।

पुलिस थाने में किसी ने नहीं उठाया फोन
महिला चिकित्सक ने एक दो बार हुड़दंगबाजी कर रहे युवकों को रोकने की भी कोशिश की लेकिन युवक कहां मानने वाले थे। महिला चिकित्सक ने जब देखा कि माहौल बिगड़ रहा है तो उन्होंने पुलिस थाने में फोन घुमाया लेकिन थाने का फोन बजता रहा। उठाया किसी ने नहीं। महिला चिकित्सक ने करीब 1.30 बजे अस्पताल प्रभारी डा. एस.के. महाजन को इस घटना बारे अवगत कराया, जिस पर उन्होंने चिकित्सक से अपने कमरे में रहने की सलाह दी तथा एक सुरक्षा कर्मी को स्टाफ  के पास तैनात करते हुए 2 सुरक्षा कर्मियों को पुलिस थाना जाने के निर्देश दिए। अस्पताल प्रभारी के निर्देशानुसार 2 सुरक्षा कर्मियों ने पुलिस थाने का रुख किया तथा थोड़ी देर बाद पुलिस कर्मियों को अपने साथ अस्पताल लेकर आए। पुलिस आने की सूचना से ही हुड़दंगबाज अस्पताल से भाग निकले।

युवकों के हुड़दंग में कुछ भी हो सकता था
इस संदर्भ में बुधवार रात को ड्यूटी पर तैनात महिला चिकित्सक ने बताया कि रात 12:30 बजे 2-3 युवक एक घायल युवक को अस्पताल में लाए। जब युवक को प्राथमिक उपचार दिया जा रहा था तो 20-25 युवकों का एक झुंड अस्पताल में घुसा तथा एक-दूसरे के साथ मारपीट करने लगा। उन्होंने कहा कि जिस प्रकार युवक मारपीट कर रहे थे उससे कोई भी अप्रिय घटना घटित हो सकती थी।

अस्पताल में डाक्टर-मरीजों की सुरक्षा सुनिश्चित करे प्रशासन
इस संदर्भ में अस्पताल प्रभारी एस.के. महाजन का कहना है कि पुलिस प्रशासन की लापवाही साफ तौर पर झलकती है। उन्होंने कहा कि अस्पताल में जो रात को हुड़दंगबाजी हुई उसमें कोई अप्रिय घटना भी हो सकती थी। उन्होंने कहा कि रात के समय यदि पुलिस फोन न उठाए तो अस्पताल में चिकित्सकों, मरीज तथा स्टाफ  की सुरक्षा किसके भरोसे होगी। अस्पताल प्रभारी ने कहा कि अस्पताल में कुछ समय से चिकित्सकों के साथ शरारती तत्वों द्वारा दुव्यवहार की घटनाएं आम हो गईं हैं। उन्होंने प्रशासन से मांग की है कि अस्पताल में रात के समय में पुलिस के 2 जवानों को तैनात किया जाए ताकि अस्पताल में स्टाफ  तथा मरीज सुरक्षित महसूस कर सकें।

2 दिन पहले भी महिला चिकित्सक से हो चुका है दुर्व्यवहार
प्राप्त जानकारी अनुसार इस घटना के 2 दिन पहले भी मॉर्निंग ड्यूटी पर तैनात महिला चिकित्सक के साथ एक युवक ने दुर्व्यवहार किया था तथा थप्पड़ रसीद करने तक हड़का दिया था। इसके बाद मामला पुलिस में पहुंचने पर उक्त युवक ने लिखित माफी मांगी थी।

सुरक्षा के लिए तैनात करेंगे पुलिस कर्मी
इस संदर्भ में एस.डी.एम. डा. सुरेंद्र ठाकुर ने बताया कि उक्त मामले उनके समक्ष आया है। उन्होंने कहा कि अस्पताल में हुई रात की घटना की जांच की जाएगी तथा अस्पताल में रात को पुलिस जवान तैनात किए जाएंगे। एस.डी.एम. ने कहा कि उन्होंने अस्पताल प्रशाशन को अपना मोबाइल नम्बर तथा व्हाट्सएप नम्बर मुहैया करवा दिया है जोकि 24 घंटे सेवा में मौजूद रहेगा।

मामले की जांच की जाएगी : एस.पी.
इस संदर्भ में एस.पी. संतोष पटियाल ने कहा कि उनके समक्ष अभी यह मामला मीडिया द्वारा लाया गया है। उन्होंने कहा कि उक्त घटना की जांच की जाएगी।

Vijay