हिमाचल दिवस पर इस युवा IAS अधिकारी को मिला सिविल सर्विस अवार्ड

Sunday, Apr 15, 2018 - 07:39 PM (IST)

ऊना (सुरेंद्र): हिमाचल दिवस के मौके पर प्रदेश का सबसे बड़ा गौरवमयी पुरस्कार सिविल सर्विस अवार्ड हासिल करने वाले डी.सी. कुल्लू यूनुस अपनी अलग कार्यशैली के लिए पूरे प्रदेश में ही नहीं बल्कि देश भर में अलग पहचान रखते हैं। सैनिकों एवं पूर्व सैनिकों के प्रति अथाह स्नेह एवं आदर रखने वाले युवा आई.ए.एस. अधिकारी के रूप में यूनुस हमेशा अलग राह पर चलना पसंद करते हैं। लोगों तक सीधी पहुंच रखने वाले युनुस हमेशा गांव व गरीब को सबसे अधिक प्राथमिकता देते हैं। 


मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने प्रदान किया अवार्ड
हिमाचल दिवस के मौके पर प्रदेश के इस युवा आई.ए.एस. अधिकारी को प्रदेश का सर्वोच्च सिविल सर्विस अवार्ड मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने प्रदान किया है। शिमला में हुए राज्य स्तरीय समारोह में उन्हें इस पुरस्कार से सम्मानित किया गया है। दरअसल यूनुस ने पहली बार जिला कुल्लू के तमाम देवी-देवताओं व धार्मिक स्थलों पर आधारित जानकारियां जुटाकर वैबसाइट पर उपलब्ध करवाई हैं। इसमें कुल्लू जिला की स्मृद्ध, ऐतिहासिक, सांस्कृतिक व धार्मिक विरासत को भी उन्होंने बढिय़ा ढंग से संजोकर उसे प्रस्तुत किया है ताकि उसे कुल्लू जिला की इस सबसे प्राचीन और अत्यधिक लोकप्रियता धार्मिक व सांस्कृतिक धरोहर को विश्व भर में विख्यात किया जा सके। 


कुल्लू के स्थानीय व्यजनों को विश्वभर में दिलाई पहचान 
बतौर डी.सी. यूनुस ने कुल्लू जिला की एडवैंचर स्पोटर््स एक्टिविटी के साथ-साथ तमाम सौंदर्य से भरपूर स्थलों और जिला के स्थानीय व्यंजनों को भी विश्व भर में विख्यात करने की दिशा में अहम कदम उठाए हैं। इसमें सिड्डू से लेकर अन्य प्रकार के तमाम स्थानीय व्यंजन भी शामिल हैं। यूनुस ने पहली बार जियो ट्रैकिंग सिस्टम को भी लागू किया है। यानी देश और दुनिया भर से आने वाले टूरिस्ट इस जियो ट्रैकिंग से जुड़कर कहीं भी घूम सकते हैं और उनकी लोकेशन व डाटा वैबसाइट पर उपलब्ध रहेगा ताकि कोई भी विपरीत स्थिति में पर्यटकों को सहायता उपलब्ध करवाई जा सके। ऐसा पहली बार किया गया है जब देश के सबसे बड़े पर्यटन स्थल मनाली सहित जिला कुल्लू के तमाम स्थानों का डाटा वैबसाइट पर एक क्लिक पर उपलब्ध होगा। प्रशासन की इस अनुकरणीय पहल पर यूनुस को बेहतरीन प्रशासक के रूप में पुरस्कार हासिल हुआ है। 


1600 किलोमीटर का सफर तय कर पहुंचे थे सियाचिन
आई.ए.एस. अधिकारी यूनुस खान ने सियाचिन में तैनात सैनिकों के साथ रहने का नया रिकार्ड भी स्थापित किया हुआ है। वह सड़क मार्ग से सियाचिन पहुंचने वाले शायद पहले आई.ए.एस. अधिकारी भी हैं। सैनिकों के प्रति अपने लगाव को लेकर यूनुस वर्ष 2017 में करीब 1600 किलोमीटर का सफर सड़क मार्ग से तय करके कठिन भौगोलिक परिस्थितियों का सामना कर सियाचिन पहुंचे थे। आई.ए.एस. अधिकारी यूनुस ने पंजाब के तरनतारन के शहीद नायब सूबेदार परमजीत सिंह की बेटी खुशदीप को एडॉप्ट भी किया है। वह इस बेटी को तरनतारन के सी.बी.एस.ई. स्कूल में शिक्षा दिलवा रहे हैं। सूबेदार परमजीत सिंह जे. एंड के. के बॉर्डर पर पाकिस्तानी बर्बरता का शिकार हुए थे। इस शहादत से द्रवित हुए यूनुस ने इस शहीद की बेटी की शिक्षा के साथ-साथ उसके पालन-पोषण का दायित्व भी उठाया था। खुद अपनी पत्नी आई.पी.एस. अधिकारी अंजूम आरा के साथ वह तरनतारन भी गए और शहीद की बेटी को एडॉप्ट करने की औपचारिकताएं भी पूरी कीं। अब वह नियमित रूप से हर त्यौहार पर तरनतारन पहुंचते हैं और शहीद के परिवार से उन्होंने अपना स्थायी नाता जोड़ लिया है। 


भावनात्मक व्यक्तित्व के रूप में पहचाने जाते हैं यूनुस
डी.सी. ऊना के बाद डी.सी. कुल्लू का दायित्व निर्वहन कर रहे आई.ए.एस. अधिकारी यूनुस खान भावनात्मक व्यक्तित्व के रूप में पहचाने जाते हैं। पहली बार डी.सी. का दायित्व संभालने पर यूनुस ने ऊना में जिलाधीश से कहिए कार्यक्रम की शुरूआत की थी। बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ अभियान के लिए कई कार्यक्रम आरंभ किए। सरकारी स्कूल में पढऩे वाली कई बेटियों की उन्होंने मदद की। एक दुर्गम क्षेत्र के सरकारी स्कूल के बच्चों को जब नंगे पांव देखा तो उन्हें शूज भी मुहैया करवाए। यूनुस ऐसे पहले डी.सी. थे जो किसी भी गरीब की झोंपड़ी में पहुंच जाया करते थे। सरकारी योजनाओं का लाभ देने के लिए खुद फार्म भरने से लेकर उसकी मॉनीटरिंग भी करते थे। गरीब के प्रति गहरी तड़प रखने वाले यूनुस के मन में देश प्रेम की भावना कूट-कूटकर भरी हुई है। साधारण परिवार से संबंधित यूनुस 2010 बैच के आई.ए.एस. अधिकारी हैं। इस समय वह डी.सी. कुल्लू हैं जबकि उनकी पत्नी अंजुम आरा आई.पी.एस. अधिकारी हैं। इससे पहले यूनुस डी.सी. ऊना के रूप में भी बेहतरीन काम कर चुके हैं।


लोगों की सेवा से मिलता है सच्चा पुरस्कार 
सिविल सर्विस अवार्ड मिलने पर जब यूनुस से बात की गई तो उन्होंने कहा कि सच्चा पुरस्कार सेवा करना है। पुरस्कार मिलना हालांकि गौरव का विषय है परन्तु कोई भी व्यक्ति तब पुरस्कृत होता है जब किसी की समस्या को सुनकर उसका तत्काल समाधान करता है। यूनुस ने माना कि कुल्लू जिला की धार्मिक, सांस्कृतिक, ऐतिहासिक विरासत को एक लड़ी में संजोने से इस जिला की ख्याति विश्व भर में और भी बढ़ेगी। पहले ही यहां काफी पर्यटक आते हैं। अब इसमें इजाफा भी होगा और यहां की विरासत की झलक को हर कोई आसानी से हासिल कर पाएगा।

Vijay