नगर परिषद सोलन में BJP समर्थित अध्यक्ष व उपाध्यक्ष की कुर्सी फिर खतरे में

Wednesday, Oct 24, 2018 - 03:31 PM (IST)

सोलन (पाल): नगर परिषद सोलन में भाजपा समर्थित अध्यक्ष व उपाध्यक्ष की कुर्सी फिर से खतरे में पड़ गई है। भाजपा के 9 पार्षदों ने नप अध्यक्ष व उपाध्यक्ष को हटाने की मांग को लेकर भाजपा मंडलाध्यक्ष रविन्द्र परिहार को अपना सामूहिक त्याग पत्र दे दिया है। हालांकि पार्षदों के इस कदम को दबाव की राजनीति से जोड़कर देखा जा रहा है। 9 पार्षदों में 6 निर्वाचित व 3 मनोनीत पार्षद हैं। नप अध्यक्ष व उपाध्यक्ष की कार्यप्रणाली से नाराज चल रहे इन पार्षदों ने नप विश्राम गृह में पहले एक बैठक का आयोजन किया। इसमें उन्होंने पार्षद के पद से सामूहिक त्याग पत्र देने का निर्णय लिया लेकिन ये त्याग पत्र एस.डी.एम. को देने के स्थान पर भाजपा मंडलाध्यक्ष को देने का निर्णय लिया ताकि पार्टी पर दबाव बनाया जा सके। 

इन पार्षदों का आरोप है कि नगर परिषद में पिछले 9 महीने से विकास कार्य ठप्प पड़े हुए थे। इसके कारण उन्हें अपने वार्डों में जवाब देना ही मुश्किल हो गया था। अब जो टैंडर लगे हैं उनमें उनके वार्डों की अनदेखी की गई है। हालत यह हो गई है कि नगर परिषद में पिछले काफी समय से जनरल हाऊस भी नहीं हुआ है। यहां पर विदित रहे कि पिछले वर्ष नगर परिषद सोलन में भाजपा पार्षदों ने कांग्रेस पार्षदों के साथ मिलकर अपनी पार्टी के नप अध्यक्ष के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव लाया था। भाजपा के 6 पार्षदों ने उस समय अध्यक्ष के खिलाफ मोर्चा खोल दिया था और कांग्रेस के 4 पार्षदों के साथ मिलकर तत्कालीन अध्यक्ष पवन गुप्ता को अपने पद से त्याग पत्र देना पड़ा। 

इसके बाद भाजपा के ही देवेन्द्र ठाकुर नगर परिषद अध्यक्ष बने थे। सोलन नगर परिषद में 15 पार्षद हैं जिनमें भाजपा के 11 व कांग्रेस के 4 पार्षद हैं। इसके अलावा नप सोलन में 4 नामित पार्षद हैं। इन पार्षदों ने पिछले मंगलवार को भी बैठक कर नगर परिषद अध्यक्ष व उपाध्यक्ष के खिलाफ मोर्चा खोला था। एक सप्ताह बाद मंगलवार को हुई इस बैठक में नप के पूर्व अध्यक्ष व 8 नं. वार्ड के पार्षद पवन गुप्ता, वार्ड नं. 2 की पार्षद सुषमा शर्मा, वार्ड नं. 4 की पार्षद कृष्णा, वार्ड नं. 7 के पार्षद मुकेश वर्मा, वार्ड नं. 10 के पार्षद शशि वालिया व वार्ड नं. 12 की पार्षद मधु कौशिक के अलावा नामित पार्षद भरत साहनी, गौरव व नरेश गांधी उपस्थित थे। 

अविश्वास प्रस्ताव लाने की स्थिति में नहीं हैं
नगर परिषद के अध्यक्ष व उपाध्यक्ष के खिलाफ मोर्चा खोलने वाले पार्षद अविश्वास प्रस्ताव लाने की स्थिति में नहीं हैं क्योंकि इसके लिए उन्हें कांग्रेस के 4 पार्षदों का समर्थन नहीं मिल रहा है। इसे देखते हुए इन पार्षदों ने पार्टी पर दबाव बनाने के लिए यह रणनीति बनाई है। 

Ekta