हौसले को सलाम: कठिन रास्तों पर साइकिल चलाकर चूड़धार पहुंचे यह युवा, रचा इतिहास (PICS)

Thursday, Aug 01, 2019 - 05:47 PM (IST)

सिरमौर: यदि हौसला बुलंद हो तो कठिन से कठिन राह भी आसान हो जाती है। इसे चरितार्थ कर दिखाया है शिमला के तीन युवकों ने। आपको जानकर हैरानी होगी कि सिरमौर जिला के दुर्गम क्षेत्र चूड़धार पर जाने के नाम से जिस कई लोगों के रौंगटे खड़े हो जाते हैं, वहां इन युवकों ने महज 11 घंटों में साइकिल से जाकर इतिहास रच डाला है। इतना ही नहीं इससे पहले किसी ने इस चोटी पर साइकिल से चढ़ाई नहीं की। यह पहले ऐसे 3 युवक हैं जिन्होंने मुकाम हासिल किया है। 

28 जुलाई को शिमला से चूड़धार के लिए निकले थे युवा 

हिमालयन एडवेंचर स्पो‌र्ट्स टूरिज्म प्रोमोशन एसोसिएशन (हस्तपा) की 4 सदस्यीय टीम वर्ष 2015 में साइकिल से चूड़धार गई थी। लेकिन रास्ता खस्ताहाल था। इस कारण आधे रास्ते में ही साइकिल छोड़नी पड़ी। एसोसिएशन से जुड़े 19 वर्षीय अक्षित, 18 वर्षीय आशीष शेरपा व 33 वर्षीय आशीष सूद ने यह यात्रा साइकिल से पूरा करने का मन बनाया। उन्होंने बताया कि साइकिल के साथ शिमला से चूड़धार की दूरी तय करने की यह पहली कोशिश थी। वे 28 जुलाई को शिमला से चूड़धार के लिए निकले। कड़कड़ाती ठंड, तीखे पहाड़, चट्टानें गिरने के डर से न करते हुए लगातार आगे बढ़ते रहे।

चोटी पर ऑक्सीजन की कमी से हुई काफी दिक्कत

चोटी के करीब पहुंचने पर ऑक्सीजन की कमी से काफी दिक्कतें हुई। लेकिन दुर्गम यात्रा के दौरान वे जरा नहीं डरे। वे इस यात्रा से युवाओं को असाधारण उपलब्धि हासिल करने का संदेश देना चाहते हैं। बता दें कि सिरमौर, शिमला व सोलन जिलों के अलावा उत्तराखंड के कुछ सीमावर्ती क्षेत्रों के लोगों की चूड़धार चोटी में धार्मिक आस्था है। चूड़धार को श्री शिरगुल महाराज का स्थान माना जाता है। यहां उनका मंदिर भी है। मान्यता है कि चूड़धार पर्वत के साथ लगते क्षेत्र में हनुमान जी को संजीवनी बूटी मिली थी। सर्दियों में यहां भारी बर्फबारी होती है। 

साइकिल से पहुंचे चूड़धार

शिमला के रहने वाले आशीष सूद हीरो साइकिल कंपनी में काम करते हैं। बालूगंज निवासी अक्षित चंडीगढ़ में इंजीनियरिग जबकि शोघी निवासी आशीष शेरपा इवनिग कॉलेज शिमला में बीए पहले सेमेस्टर की पढ़ाई कर रहे हैं। 

Ekta