चिट्टे ने परेशानी में डाले मां-बाप, इज्जत की खातिर सामने नहीं आ रहे अभिभावक

Monday, Jul 09, 2018 - 11:21 AM (IST)

सोलन/मानपुरा (अमित): औद्योगिक क्षेत्र बी.बी.एन. के कालूंझिडा में बड़े-बड़े शिक्षण संस्थान हैं लेकिन यहां हो रहे चिट्टे के व्यापार से अभिभावक परेशान हैं। अब यह नशा ग्रामीण क्षेत्रों की तरफ भी रुख कर चुका है। सैकड़ों युवा इस जानलेवा नशे का शिकार हो चुके हैं। अभिभावकों ने उच्च शिक्षा के लिए अपने बच्चों को भेजा था ताकि इन विश्वविद्यालयों से डिग्री प्राप्त कर उन्हें किसी बड़े संस्थान में नौकरी मिल सके परन्तु अफसोस की बात है कि ज्यादातर बच्चे यहां से डिग्री हासिल तो न कर पाए लेकिन नशा केंद्रों में भर्ती जरूर हो रहे हैं। पहले तो अभिभावकों ने बच्चों की शिक्षा पर लाखों रुपए खर्च किया व अब इनका नशा छुड़ाने के लिए नशा मुक्ति केंद्रों में लाखों रुपए दे रहे हैं। कुछ अभिभावकों का कहना है कि अगर इस नशे को समय पर नहीं रोका गया तो यहां भी पंजाब जैसा माहौल तैयार हो जाएगा और युवा पीढ़ी नशे की दलदल में समा जाएगी।


इज्जत की खातिर सामने नहीं आ रहे अभिभावक
जिन लोगों के बच्चे इस नशे की लत में पड़ चुके हैं वे इसलिए सामने नहीं आ रहे हैं क्योंकि उनकी समाज में इज्जत खराब हो जाएगी व कल को उनके बच्चों की शादियां नहीं होंगी। कुछ लोगों ने तो यह सोचकर अपने बच्चों की शादियां कर दीं शायद शादी के बाद उनकी नशे की लत छूट जाएगी परन्तु ऐसा नहीं हो रहा बल्कि अब 2-2 जिंदगियां खराब हो रही हैं।


सिल्वर फॉयल की मांग बढ़ी 
युवाओं में बढ़ रही चिट्टे की लत से बाजार में सिल्वर फॉयल की मांग बढऩे लगी है। कुछ युवा इसका सेवन सिल्वर फॉयल पर रखकर करते हैं। इसके कारण उन्हें सिल्वर फॉयल की जरूरत पड़ती है। यही कारण है कि बाजार में इसकी डिमांंड एकाएक बढ़ गई है।


बाहरी राज्यों के नशा तस्करों के निशाने पर है सोलन
सोलन एजुकेशन हब होने के कारण यह क्षेत्र तस्करों के निशाने पर है। पंजाब के बाद नशीले पदार्थ की तस्करी करने वाले सोलन क्षेत्र को अपना प्रमुख अड्डा बनाने के लिए यहां के युवाओं को सप्लाई दे रहे हैं। इस कारण युवा पीढ़ी खोखली होती जा रही है। पुलिस भी ऐसे तस्करों पर पूरी तरह से शिकंजा कसने में नाकाम है। क्षेत्र के व्यापारी, युवा मोर्चा इस मामले को लेकर एस.पी. मधुसूदन शर्मा को ज्ञापन सौंप चुका है और पुलिस से तस्करों पर शिकंजा कसने की मांग कर चुका है।


खुफिया तंत्र मजबूत करने की जरूरत 
नशीले पदार्थों की तस्करी में लगे लोगों तक पहुंचने के लिए पुलिस को अपना खुफिया तंत्र मजबूत करने की आवश्यकता है। शहर छोटा होने के कारण यहां पर तस्करों तक पहुंचना अन्य बड़े राज्यों के मुकाबले आसान कार्य है, ऐसे में पुलिस नशीले पदार्थांे की तस्करी में लगे माफियों पर तुरंत शिकंजा कस सकती है।


अभी तक कोई भी बड़ा तस्कर पुलिस के हाथ नहीं लगा
पंजाब के बाद हिमाचल में चिट्टा अब लोगों के लिए सिर दर्द बनने लगा है। चिट्टे की बढ़ी खेप युवाओं तक पहुंच रही है, लेकिन पुलिस अभी तक चिट्टे का कोई बढ़ा तस्कर नहीं पकड़ पाई है। पुलिस सोलन से 1 दर्जन से ज्यादा चिट्टे के मामले पकड़ चुकी है, लेकिन इनमें कोई बड़ा तस्कर पुलिस के हाथ नहीं लग पाया है। चिट्टे का सेवन करने वाले युवा ही पुलिस की गिरफ्त में आए हैं। इस कारण पुलिस की जांच प्रणाली पर भी सवालिया निशान लग रहे हैं, क्योंकि पुलिस अभी तक पकड़े गए चिट्टे के मामलों में इनके सप्लायर तक नहीं पहुंच पाई है।

Ekta