बाप की बदकिस्मती से बेटे ने फेरा मुंह, टूटे हुए मकान में अकेले व्यतीत कर रहा जीवन

Saturday, Jun 29, 2019 - 02:14 PM (IST)

चिंतपूर्णी : चिंतपूर्णी क्षेत्र के तहत गांव नारी का चैन सिंह (59) दोपहर व सायं का भोजन चिंतपूर्णी मंदिर ट्रस्ट द्वारा लगाए गए लंगर में ग्रहण करने को मजबूर है। न उसके पास घर है, न पीने के पानी की व्यवस्था और न ही टॉयलेट जैसी मूलभूत सुविधा है। बिना रोजगार के यह व्यक्ति महज एक क्षतिग्रस्त मकान के हिस्से में जीवन-यापन करने पर मजबूर है। चिंतपूर्णी क्षेत्र के तहत गांव नारी का चैन सिंह मानों मुश्किल से जीवन निकाल रहा है। न कोई उम्मीद और न कोई सहारा। बेटा तो है लेकिन बाप की बदतर हालत से उसने भी मुंह मोड़ लिया है। ट्रस्ट का लंगर न हो तो उसे भोजन भी नसीब न हो।

चैन सिंह का कहना है कि रिहायशी मकान के अनुकूल उसके पास जमीन नहीं है। जिस मकान में चैन सिंह रह रहा है वह एक तरफ से गिर चुका है तथा घर का अधिकतर सामान मिट्टी में दब गया है, जिसे निकालने के लिए चैन सिंह के पास पैसा तक नहीं है। मकान में बिजली का मीटर तो लगा हुआ है, लेकिन पेयजल आपुर्ति के लिए कोई कनैक्शन नहीं लगा है। यहां तक कि शौच जाने के लिए भी शौचालय की व्यवस्था भी नहीं है और स्नान करने के लिए चैन सिंह को कुओं व बावडिय़ों का सहारा लेना पड़ता है। पिछले कल ही चैन सिंह को गैस चूल्हा विधायक द्वारा उपलब्ध करवाया गया है।

भूमि का प्रबंध करे चैन सिंह

ग्राम पंचायत प्रधान नारी विजय कुमार का कहना है कि पिछली पंचायत के कार्यकाल में मकान के लिए पैसा मंजूर हुआ था, लेकिन पड़ोसियों से जमीनी विवाद के चलते पैसा वापस हो गया था। चैन सिंह जगह का प्रबंध करे तो अजलास में मकान के लिए धन की सिफारिश कर दी जाएगी।

जमीनी विवाद के चलते वापस हुआ मकान निर्माण का पैसा

चिंतपूर्णी के समीप ग्राम पंचायत नारी का निवासी चैन सिंह पिछले काफी वर्षों से अति खस्ताहाल मकान में रहकर जीवन बीता रहा है। चैन सिंह की पत्नी का वर्षों पहले देहांत हो गया था। उसका एक लड़का व एक लड़की है। लड़की अपने मामा के घर रहती थी, जिसकी शादी हो चुकी है। मंदिर न्यास ङ्क्षचतपूर्णी की ओर से चैन सिंह की बेटी की शादी के लिए कुछ सामान सहित 15 हजार रुपए सहायता के रूप में दिए गए थे। बेटा एक निजी कम्पनी में कार्य करता है, जो अपने पिता की सहायता नहीं करता है। चैन सिंह के मकान का कुछ हिस्सा पूरी तरह से गिर चुका है। वह दिहाड़ी-मजदूरी कर अपना पालन-पोषण कर रहा है। दोपहर व शाम का भोजन चिंतपूर्णी मंदिर ट्रस्ट के लंगर में ग्रहण कर रहा है। चैन सिंह को आई.आर.डी.पी. में तो डाला गया है तथा मकान के लिए पैसा भी मंजूर हुआ था, लेकिन पड़ोसियों के साथ जमीनी विवाद के चलते पैसा वापस हो गया।

kirti