चिंतपूर्णी में श्रद्धालुओं के आगे हांफी व्यवस्थाएं, 40 हजार ने लिया मां का आशीर्वाद

Sunday, Aug 19, 2018 - 02:01 PM (IST)

चिंतपूर्णी (सुनील): धार्मिक स्थल चिंतपूर्णी में सावन अष्टमी मेले में शनिवार को करीब 40,000 श्रद्धालुओं ने माता चिंतपूर्णी की पावन पिंडी के दर्शन किए, वहीं सावन अष्टमी मेले में पहली बार स्थानीय लोगों को भारी दिक्कतों का सामना करना पड़ा। मेले से पहले श्रद्धालुओं को सुविधाएं देने के दावे पूरी तरह असफल साबित हुए। श्रद्धालुओं को दी जाने वाली पर्ची मात्र एक दिखावा साबित हुई। लंगर संस्थाओं का निरीक्षण न होने से लंगर संस्थाओं ने सारी गंदगी व जूठन लंगरों के पिछवाड़े में फैंककर स्थानीय लोगों की दिक्कतें बढ़ा दी हैं। चिंतपूर्णी क्षेत्र वर्तमान समय में महामारी की तरफ बढ़ रहा है। प्रशासन ने लंगरों की फीस भी बढ़ा दी थी लेकिन इसके बावजूद सफाई व्यवस्था का मेला क्षेत्र में नामोनिशान तक नहीं है। 


ट्रैफिक व्यवस्था के बड़े-बड़े दावे करने वाले प्रशासन के दावे भी खोखले साबित हुए हैं। भरवाईं-तलवाड़ा बाईपास यहां तक कि शुक्रवार को शीतला मंदिर रोड व जल्लो दी बड़ में एक घंटा जाम लगा रहा। प्रशासन ने झंडा लेकर जाने वाले श्रद्धालुओं को अलग रास्ते से भेजने की व्यवस्था की थी लेकिन उन्हें झंडा चढ़ाकर वापस लाइन यानी एक किलोमीटर पीछे लाइन में लगने के लिए भेजा जाता रहा। मेले की तैयारी की बात करें तो 23 जुलाई को सभी मुरम्मत कार्य व मेले की तैयारी के डी.सी. ने आदेश जारी किए थे लेकिन श्रद्धालु टूटी-फूटी सड़क पर हिचकोले खाते पैदल सफर करते नजर आए। मेला अधिकारी पी.सी. अकेला ने बताया कि मेला क्षेत्र में सफाई व्यवस्था के लिए सफाई कर्मचारियों को तत्परता से सफाई करने के आदेश दिए गए हैं। उन्होंने कहा कि झंडा चढ़ाने वाले केवल 2 श्रद्धालुओं को जाने की अनुमति दी जा रही है। 

Ekta