चीन से मुकाबले की तैयारी, यहां दुनिया की सबसे ऊंची रेल लाइन बनाने को काम शुरू

Thursday, Jun 29, 2017 - 05:02 PM (IST)

मंडी (नीरज शर्मा): चीन से मुकाबले के लिए दुनिया की सबसे ऊंची बिलासपुर-मनाली-लेह रेल लाइन के फाइनल लोकेशन सर्वे की आधारशिला रखने के बाद एक बार फिर इसके निर्माण की आस जगी है। हालांकि अभी भी इसके निर्माण का कार्य मार्च 2019 के बाद शुरू होगा, लेकिन अब ऐसा लग रहा है कि सुरक्षा और पर्यटन की दृष्टि से महत्वपूर्ण यह सपना अब जल्द ही पूरा होने वाला है। रेल मंत्री सुरेश प्रभु ने बिलासपुर-मनाली-लेह रेल लाइन के फाइनल लोकेशन सर्वे की आधारशिला रख दी है। मार्च 2017 तक इस रेल लाइन के सर्वे का कार्य पूरा होने का लक्ष्य रखा गया है। फाइनल सर्वे के लिए 157 करोड़ रुपए आवंटित किए गए हैं लेकिन सर्वे के बाद इसका निर्माण पूरा होते-होते वर्षों का समय और लगने वाला है। 


इस रेल लाइन के निर्माण में बनेगा सबसे ऊंचा रेल ब्रिज
सांसद शांता कुमार की मानें तो निर्माण में समय लगेगा, लेकिन खुशी इस बात को लेकर है कि सर्वे का अंतिम कार्य शुरू हो गया है। इस रेल लाइन के बनने से सुरक्षा और पर्यटन दोनों को बढ़ावा मिलेगा। इस रेल लाइन के निर्माण में सबसे ऊंचा रेल ब्रिज बनेगा और दुनिया का सबसे ऊंचा रेल ट्रैक भी इसी पर होगा। इस ब्रॉड गेज लाइन की लंबाई 498 किमी और समुद्र तल से इसकी ऊंचाई 3300 मीटर होगी। इस ट्रैक के बन जाने के बाद चीन का संघाई-तिब्बत रेलवे ट्रैक भी पीछे छूट जाएगा।पठानकोट से मंडी तक बन रहा रैलवे ट्रैक भी इसी के साथ जुड़ेगा, जिससे चीन के साथ लगी भारत की सीमा तक सेना को सामान पहुंचाने में खासी मदद मिलेगी। अब इंतजार उस पल का है जब सर्वे का कार्य पूरा होने के बाद सामरिक दृष्टि से महत्वपूर्ण इस रेल लाइन का धरातल पर निर्माण कार्य शुरू होगा। लाहुल स्पिति जैसा जनजातीय जिला जो वर्ष में 6 महीने बर्फ के कारण शेष विश्व से कट जाता है वह भी इस रेल लाइन के बन जाने से 12 महीने यातायात के लिए खुला रहेगा।