ये है ऐसे शिक्षक जो बच्चो पर खर्च करते हैं अपनी Salary का 50% हिस्सा

Saturday, Jan 05, 2019 - 11:50 AM (IST)

शिमला : सरकारी स्कूलों में ऐसे भी शिक्षक हैं जो गरीब छात्रों की जरूरतें स्वयं पूरी करते हैं। ये शिक्षक अपनी तनख्वाह का लगभग 40 प्रतिशत हिस्सा इन छात्रों के लिए स्टडी मैटीरियल से लेकर स्कूल यूनिफॉर्म पर खर्च करते हैं। इसके अलावा स्कूलों में स्टडी एन्वायरनमैंट बनाने के लिए भी शिक्षक ही खर्च करते हैं। कोटखाई के बघाहर प्राथमिक स्कूल की जे.बी.टी. शिक्षिका निशा शर्मा और कुफ री प्राथमिक स्कूल की शिक्षिका अंकिता वालिया इसका जीता जागता उदाहरण हैं। दोनों शिक्षिकाएं अपनी तनख्वाह का 40 से 50 प्रतिशत हिस्सा अपने स्कूल के गरीब बच्चों पर खर्च करती हैं। निशा ने तो स्कूल के भवन निर्माण से लेकर कक्षाओं में फर्नीचर तक के लिए वित्तीय सहयोग दिया है। वर्ष 2014 में निशा शर्मा ने बघाहर स्कूल में ज्वाइन किया था।

सरकार बच्चों को स्मार्ट यूनिफॉर्म नहीं दे पाई

इस दौरान यह स्कूल निजी कमरे में चलता था। इस कमरे की हालत बहुत खराब थी। अब 5 साल बाद स्कूल के पास अपना भवन है। यह निशा की मेहनत से ही संभव हुआ है। निशा ने अपने खर्चे से यहां बच्चों के लिए स्टडी टेबल उपलब्ध करवाए। यहां तक कि बच्चों के लिए टै्रक सूट व यूनिफॉर्म भी निशा ने अपनी कमाई से खरीदी। हालांकि इस दौरान कई गांव के लोगों ने भी इसके लिए निशा की मदद की। सरकार अभी तक स्कूली बच्चों को स्मार्ट यूनिफॉर्म नहीं दे पाई है जबकि निशा के स्कूल के सभी बच्चे स्मार्ट यूनिफॉर्म में स्कूल आते हैं। यह स्कूल इंगलिश मीडियम है। पहली से 5वीं कक्षा वाले इस स्कूल में 50 से अधिक बच्चे शिक्षा ले रहे हैं। निशा को इस असामान्य कार्य के लिए इस साल शिक्षा मंत्री ने भी सम्मानित किया था। शिक्षक दिवस पर स्पैशल पुरस्कार की श्रेणी में निशा को यह सम्मान दिया गया था।

kirti