खतरे के साये में शिक्षा ग्रहण कर रहे इस स्कूल के बच्चे, जानिए वजह

Thursday, Dec 07, 2017 - 03:20 PM (IST)

बिलासपुर : प्राथमिक शिक्षा खंड घुमारवीं-2 के तहत आने वाली प्राथमिक पाठशाला पनौल के बच्चे अपनी जान जोखिम में डालकर शिक्षा ग्रहण करने के लिए मजबूर है। इस स्कूल के भवन की हालत इतनी दयनीय हो चुकी है कि यह कभी भी जमींदोज हो सकता है लेकिन विभाग व स्थानीय प्रशासन मूकदर्शक बनकर बैठा है।

अधिकारियों ने भवन को अनसेफ करार दे दिया
गौरतलब है कि वर्ष 1962 में कच्ची ईंटों व घासफूस से बनकर तैयार हुए इस विद्यालय की दुर्दशा को कुछ साल बाद ग्रामीणों ने इसकी छत पर स्लेट डालकर सुधारा था। वहीं विकास खंड झंडूता द्वारा पंचायत के माध्यम से 1994 में 2 पक्के कमरों का निर्माण किया गया लेकिन भवन निर्माण के समय विकास खंड के पदाधिकारियों की अनदेखी व पंचायत प्रतिनिधियों की कथित लापरवाही के कारण अनेक अनियमितताएं इस भवन में नजर आ रही हैं जबकि भवन निर्माण पर लाख रुपए से अधिक खर्च बताया गया लेकिन जब शिक्षा विभाग को भवन को हैंडओवर करना था तो तत्कालीन शिक्षा अधिकारियों ने निरीक्षण करने के बाद इस भवन को अनसेफ करार दे दिया था। पंचायत द्वारा निर्मित स्कूल भवन निर्माण में की गई लापरवाही को लेकर विकास खंड द्वारा पंचायत के खिलाफ  कोई कार्रवाई नहीं की गई जबकि लाखों रुपए का चूना भवन निर्माण में सरकार को लगा है।

हो सकता है बड़ा हादसा 
उधर, स्कूल प्रबंधन समिति की प्रधान रीना देवी के अलावा स्कूल प्रबंधन समिति के सदस्यों राजकुमारी व जयदेव ने बताया कि पुराने भवन की खस्ता हालत को देखते हुए उन्होंने स्कूल के कमरों की मुरम्मत हेतु धन उपलब्ध करवाया है जिसको लेकर मुरम्मत का कार्य प्रगति पर है। इस बारे प्राथमिक शिक्षा खंड अधिकारी घुमारवीं-2 राजेंद्र कुमार ने बताया कि स्कूल का निरीक्षण करने के बाद कमरों की हालत खस्ता होने के कारण कोई बड़ा हादसा न हो इसलिए कमरों की मुरम्मत के लिए धन उपलब्ध करवाया गया है अगर मुरम्मत कार्य में और धन की जरूरत पड़ेगी तो और उपलब्ध करवाया जाएगा।