यहां जिंदगी दांव पर लगा ऐसे स्कूल पहुंच रहे बच्चे

Saturday, Jan 19, 2019 - 12:19 PM (IST)

पालमपुर : लंबे समय से 3 किलोमीटर सड़क का इंतजार कर रहे बैजनाथ के जमरेला गांव को एक साल पहले सड़क सुविधा तो मिली लेकिन उसी सुविधा ने अब गांव के हालात बिगाड़ दिए हैं। बैजनाथ से 8 किलोमीटर दूर बिनवा खड्ड के किनारे बसे जमरेला गांव के लिए 30 साल पहले लंघू गांव से सड़क बनाने का कार्य शुरू हुआ था। 10 साल पहले गांव तक सड़क पहुंचाने के लिए पुल बना लेकिन सड़क नहीं बनाई गई। वर्ष 2017 में गांव तक सड़क बनने का सपना पूरा हुआ। गांव तक छोटी गाडिय़ां पहुंचना शुरू हुईं।

लोग अभी सड़क की खुशी ही मना रहे थे कि सड़क में लाखों की लागत से बनवाया गया एक डंगा बनने के कुछ माह में ही ढह गया। गांव का पैदल रास्ता भी बंद और सड़क सुविधा भी छिन गई। अगस्त, 2018 में हुई इस घटना के बाद अधिकारियों से लेकर विधायक मौके पर पहुंचे तथा गांव तक बांस की मदद से एक अस्थायी रास्ता बनाया गया और जल्द यहां नए रास्ते की सुविधा उपलब्ध करवाने के दावे हुए। लेकिन 6 माह का समय बीत जाने के बाद भी न यहां कोई सड़क बन पाई और न ही अस्थायी रास्ता। अब भी इस गांव तक जाने के लिए 6 माह पहले बांस के बनाए गए रास्ते का ही सहारा लेना पड़ रहा है।

पढ़ाई के लिए जोखिम उठा रहे बच्चे

गांव के अधिकतर बच्चे सकड़ी या बैजनाथ पढ़ते हैं। गांव में केवल प्राथमिक स्कूल ही है। गांव के बच्चे रोजाना एक किलोमीटर का पैदल सफर तय करते हैं। उनके अभिभावक रोज उन्हें बांस के अस्थायी रास्ते को पार करवाने सुबह शाम आते हैं। इस रास्ते से बच्चों का गुजरना बेहद जोखिम भरा है। अंशिका व शैलजा बताती हैं कि इस रास्ते को पार करने से हर बच्चा घबराता है। लेकिन मजबूरी में उन्हें यहां से गुजरना पड़ रहा है। गांव की राज कटोच, पवना देवी, भवन चंद, बीना देवी, जगदम्बा देवी, नरेश व कपिल ने बताया कि यहां के लोग अपने आप को काफी असुरक्षित महसूस कर रहे हैं। लेकिन सुनने वाला कोई नहीं अब तो हम भी थक हार गए हैं, वहीं समाजसेवी संजय शर्मा ने कहा कि इसको लेकर जल्द ही आंदोलन शुरू किया जाएगा।

kirti