मुख्य सचिव की कुर्सी के लिए लॉबिंग शुरू, वरीयता सूची में सबसे ऊपर है 1983 बैच की अधिकारी

Friday, Jul 13, 2018 - 10:55 AM (IST)

शिमला (कुलदीप): विनीत चौधरी के सितम्बर माह में मुख्य सचिव पद से सेवानिवृत्त होने से पहले इस पद को लेकर लॉबिंग शुरू हो गई है। प्रदेश के प्रशासनिक मुखिया की हॉट सीट को पाने के लिए कई अधिकारियों के नाम आगे हैं लेकिन वर्ष, 1983 बैच की आई.ए.एस. अधिकारी एवं मौजूदा मुख्य सचिव विनीत चौधरी की पत्नी उपमा चौधरी का नाम वरीयता सूची में सबसे ऊपर है। वह इस समय लाल बहादुर शास्त्री राष्ट्रीय प्रशासनिक अकादमी मसूरी में निदेशक पद पर सेवाएं दे रही हैं। अपने शिमला दौरे के दौरान उन्होंने मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर से मुलाकात भी की। उपमा चौधरी के अलावा केंद्रीय प्रतिनियुक्ति पर वर्ष, 1983 बैच के अधिकारी ए.आर. सिहाग और भारती एस. सिहाग भी हैं। इसमें से उपमा चौधरी की ही वापसी की संभावनाएं अधिक हैं। 


पूर्व कांग्रेस सरकार में मुख्य सचिव रहे वी.सी. फारका को यह पद मिलना मुश्किल है क्योंकि पहले ही वर्तमान सरकार उनको इस पद से हटा चुकी है। इसके अलावा वर्ष, 1984 बैच के 2 अधिकारी तरुण श्रीधर और अरविंद मेहता भी केंद्रीय प्रतिनियुक्ति पर हैं लेकिन उनको यह पद दिया जाना मुश्किल है। ऐसे में उपमा चौधरी के बाद मुख्य सचिव पद के लिए वर्ष, 1985 बैच के 3 अधिकारियों के नाम प्रमुखता से आ रहे हैं। इसमें अतिरिक्त मुख्य सचिव बी.के. अग्रवाल, श्रीकांत बाल्दी और मनीषा नंदा शामिल हैं। इसमें बी.के. अग्रवाल और श्रीकांत बाल्दी को ही यह दायित्व मिलने की अधिक संभावना नजर आ रही है। 


अग्रवाल हाल ही में केंद्रीय प्रतिनियुक्ति से लौटे हैं और बाल्दी इस समय मुख्यमंत्री के करीबी हैं। ऐसे में पूर्व कांग्रेस सरकार की तरह वर्तमान सरकार में भी वरीयता सूची को दरकिनार किया जा सकता है। पूर्व कांग्रेस सरकार में भी वरीयता सूची को दरकिनार करके वी.सी. फारका को मुख्य सचिव बनाया गया था। इसके चलते मामला केंद्रीय प्रशासनिक ट्रिब्यूनल में गया, जिस कारण वरिष्ठ अधिकारियों को सलाहकार का पद देना पड़ा। ऐसे में यदि सरकार वरिष्ठता सूची को दरकिनार करती है तो वरिष्ठ अधिकारी नाराज हो सकते हैं। 

Ekta