भगवान के साथ धोखा, चढ़ावे के नोट देखकर चक्कर में पड़ गए अफसर

Friday, Jul 07, 2017 - 04:10 PM (IST)

उना : बाजार में चाहे 500 के पुराने नोट चलने बंद हो गए हैं, परंतु कुछ भक्त भगवान के दरबार में इन नोटों को चढ़ाकर ईश्वर को ही चूना लगा रहे हैं। नोटबंदी को 7 माह बीत जाने के बाद लोग मंदिर में चढ़ावे की गणना से यह खुलासा हुआ है। प्रसिद्ध शक्तिपीठ मां चिंतपूर्णी के दरबार में अभी भी श्रद्धालुओं द्वारा चलन से बाहर हुए पुराने नोट मंदिर में चढ़ावे के रूप में चढ़ाए जा रहे हैं। दरअसल, मार्च माह के बाद भी अप्रैल, मई और जून तक लाखों रुपए का पुराने नोटों का नकद चढ़ावा मंदिर न्यास को प्राप्त हुआ है।

श्रद्धालु अब भी मंदिर में पुराने नोट चढ़ा रहे
बताया जा रहा है कि 21 जून को मंदिर के दान पात्र से 500 के 203  नोट मिले है। मंदिर न्यास के पास अब तक 9 लाख 86 हजार रुपये हो चुकी है। अप्रैल, मई, जून इन तीन माह में न्यास को कुल तीन लाख 36 हजार रुपये मूल्य के प्रतिबंधित नोट प्राप्त हुए हैं। उनका कहना हैं कि श्रद्धालु अब भी मंदिर में पुराने नोट चढ़ा रहे हैं। मंदिर के कार्यकारी अधिकारी राणीया राम ने कहा दिसंबर माह के बाद मार्च तक कई श्रद्धालु माता के मंदिर में पुराने 500 और 100 के चढ़ाते रहे। जनवरी से मार्च तक 3 महीनों में मंदिर न्यास के पास पुराने नोटों से कुल साढ़े 6 लाख रुपए की राशि जमा है। आरबीआई में न बदलने के कारण अब यह राशि बेकार हो पड़ी हुई है।  दरअसल, कुछ श्रद्धालुओं ने लाख रुपये के पुराने नोटों का चढ़ावा मंदिर में एक दिन में चढ़ाया था। एसडीएम ने कहा कि मंदिर न्यास के पास अभी तक साढ़े नौ लाख के करीब पुराने नोटों से प्राप्त धनराशि जमा हो चुकी है, जो मंदिर न्यास के लिए किसी काम की नहीं रही है।