मणिमहेश के लिए निकली चरपटनाथ की छड़ी यात्रा, राधाष्टमी के दिन होगा शाही स्नान (Video)

Thursday, Sep 13, 2018 - 04:59 PM (IST)

चम्बा (अमृत): 17 सितम्बर को मणिमहेश डल झील में होने वाले शाही स्नान के लिए चरपटनाथ मंदिर से भव्य शोभा यात्रा के साथ छड़ी यात्रा का शुभारंभ हुआ। चरपटनाथ के मंदिर से इस छड़ी यात्रा की शुरुआत की गई जहां पूजा-अर्चना के बाद बैंड-बाजे के साथ चम्बा मुख्यालय होते हुए शोभायात्रा राधा-कृष्ण मंदिर तक पहुंची जहां पर रात्रि विश्राम किया गया। इससे 2 दिन पहले दशनाम अखाड़ा चम्बा से भी छड़ी यात्रा की शुरूआत की गई है। इस छड़ी यात्रा की अगुवाई छड़ीबदार व दशनाम अखाड़ा चम्बा के महंत यतिंद्र गिरी कर रहे हैं। इस दौरान मुख्यितथि के रूप में डी.सी. हरिकेश मीणा ने दशनाम अखाड़ा चम्बा स्थित भगवान दतात्रेय महाराज के मंदिर में विधिवत रूप से पूजा-अर्चना की जबकि एस. डी.एम. चम्बा दीप्ती मंढोत्रा विशेष रूप से उपस्थित रहीं।

राधाष्टमी के दिन सुबह 4 बजे करवाया जाएगा स्नान
इस छड़ी यात्रा में स्थानीय साधु महात्माओं के साथ-साथ देश के विभिन्न प्रांतों से आए संत मौजूदगी दर्ज करवा रहे हैं। यह छड़ी यात्रा लगभग एक सप्ताह का पैदल सफर करके मणिमहेश डल झील पहुंचेगी। जहां पर 17 सितम्बर को राधाष्टमी के दिन सुबह 4 बजे ब्रह्म मुहूर्त में दशनाम की छड़ी को पवित्र डल झील में स्नान करवाया जाएगा। तदोपरांत राधाष्टमी के स्नान में श्रद्धालु भाग लें सकेंगे। इसी के साथ चरपटनाथ की छड़ी व अन्य जगह से आई छड़ियों को भी पवित्र डल झील में डुबकी लगवाई जाएगी।

चम्बा के ऐतिहासिक चौगान में होता है पहला पड़ाव
बाहरी राज्यों से मणिमहेश यात्रा के लिए आए श्रद्धालुओं का पहला पड़ाव चम्बा के ऐतिहासिक चौगान में होता है। चम्बा चौगान को बहुत ही पवित्र स्थल माना जाता है इसीलिए यहां पर श्रद्धालु रात्रि विश्राम करते हैं। जम्मू-कश्मीर से आए श्रद्धालुओं ने बताया कि वह  मणिमहेश यात्रा के लिए जा रहे हैं, उन्हें बहुत ही खुशी है कि वे हर साल  भगवान शंकर के दर्शन करने के लिए मणिमहेश जाते हैं। उन्होंने कहा कि जम्मू-कश्मीर से हजारों की संख्या में लोग आते हैं। उन्होंने चम्बा के लोगों का धन्यवाद करते हुए कहा कि उन्हें हमेशा ही चम्बा के लोगों का सहयोग मिलता है। उन्होंने कहा कि यहां पर कुछ सुविधाओं का अभाव है। इस यात्रा को भी अमरनाथ यात्रा की तरह श्राइन बोर्ड के अंतर्गत कर दिया जाए तो लोगों को और बेहतर सुविधाएं मिल सकती हैं।

सदियों से चली आ रही परम्परा
दशनाम अखाड़ा चम्बा के महंत यतिंद्र गिरी ने बताया कि यह परम्परा सदियों से चली आ रही है और चम्बा के राजा भी इस परम्परा को बखूबी निभाते थे। चम्बा के 1000 साल पुराने इतिहास में भी इस छड़ी यात्रा का जिक्र किया गया है।

Vijay