चंद्रताल झील के दीदार अब होंगे अगले साल, पढ़ें क्यों?

Thursday, Oct 11, 2018 - 10:46 AM (IST)

मनाली : देश व दुनिया के ट्रैकरों की पहली पसंद रहने वाली चंद्रताल झील के दीदार अब अगले साल ही हो सकेंगे। ट्रैकिंग से जुड़े कारोबारियों ने अपना कारोबार समेट लिया है। लेह मार्ग के सरचू में 15 सितम्बर को ही टैंट हटा लिए गए थे, जबकि चंद्रताल झील में लगे टैंट भी बर्फबारी के बाद हटा लिए गए हैं। 22 सितम्बर को जिस समय बर्फबारी हुई, उस समय चंद्रताल में 100 से अधिक ट्रैकर थे। अधिकतर ट्रैकर चंद्रताल से मनाली की ओर निकले, जबकि कुछेक ट्रैकरों को काजा होते हुए शिमला पहुंचाया गया था। इस बार बर्फबारी पहले ही हो जाने से प्रदेश के सभी ट्रैक रूटों में ट्रैकरों की कदमताल भी समय से पहले ही थम गई है।

चंद्रताल झील के दीदार करने वाले सैलानी ट्रैकरों की हर साल आमद बढ़ती जा रही है। इस झील की देखरेख स्पीति वन्य प्राणी विभाग कर रहा है। स्थानीय व्यवसायी राजेश और रतन ने बताया कि इस साल पर्यटन विभाग से पंजीकृत 15 से अधिक ट्रैवल एजैंटों ने टैंट लगाए थे। उन्होंने कहा कि इन टैंटों में एक हजार से अधिक पर्यटकों के ठहरने की व्यवस्था थी। उन्होंने कहा कि बर्फबारी के बाद सभी स्थानीय ट्रैवल एजैंटों ने चंद्रताल झील से अपना कारोबार समेट लिया है। बहरहाल, ट्रैकिंग के शौकीन अब अगले साल ही चंद्रताल सहित प्रदेश के ट्रैक रूटों पर कदमताल कर सकेंगे। बर्फ  के दीदार करने के शौकीन सैलानी बुधवार को रोहतांग जा पहुंचे। प्रशासन ने मौसम को देखते हुए बुधवार सुबह सैलानियों के काफिले को गुलाबा बैरियर से आगे जाने की अनुमति दे दी।

बुधवार को लगभग 400 वाहनों ने ऑनलाइन परमिट प्राप्त किया है। रोहतांग दर्रे में सुबह 10 बजे ही सैलानियों का मेला लग गया। रोहतांग में हालांकि सभी साहसिक खेलों पर प्रतिबंध है, लेकिन फोटोग्राफरों सहित कुल्लवी परिधान का कारोबार करने वाली महिलाओं को छूट है। फोटोग्राफरों और स्थानीय महिलाओं ने भी बुधवार को रोहतांग का रुख किया। मनाली टैक्सी यूनियन के प्रधान गुप्त राम ने बताया कि बुधवार को सैंकड़ों पर्यटकों ने रोहतांग दर्रे का रुख किया। मनाली एस.डी.एम. रमन घरसंगी ने बताया कि सैलानियों को रोहतांग जाने की अनुमति दे है। उन्होंने कहा कि मौसम की परिस्थितियों पर नजर रखी जा रही है।

kirti