श्री चामुंडा नंदीकेश्वर धाम का बदलेगा स्वरूप, किन्नौरी काष्ठ कला की दिखेगी छटा

Wednesday, Oct 16, 2019 - 08:07 PM (IST)

पालमपुर (भृगु): शक्तिपीठ श्री चामुंडा नंदीकेश्वर धाम में किन्नौरी काष्ठ कला की छटा दिखेगी। नंदीकेश्वर मंदिर के द्वार किन्नौरी शैली के बनेंगे। इस हेतु कार्य आरंभ कर दिया गया है। समूचे श्री चामुंडा नंदीकेश्वर धाम की कायाकल्प की प्रक्रिया आरंभ की गई है, ऐसे में मंदिर के सरोवर से लेकर श्रद्धालुओं के स्नानागार को नए सिरे से भव्यता दी जा रही है तो मंदिर के प्रांगण में नए सिरे से घास के लोन भी विकसित किए जा रहे हैं।

नंदीकेश्वर मंदिर को समतल बनाने का लिया निर्णय

वही नंदीकेश्वर धाम जो एक बड़े पत्थर के नीचे प्राकृतिक रूप से बना हुआ है, उसको भी नया स्वरूप प्रदान किया जा रहा है। पहले जहां श्रद्धालु कुछ सीढिय़ां उतरकर पत्थर के नीचे बने नंदीकेश्वर मंदिर में पूजा-अर्चना करने पहुंचते थे अब इसे समतल करने का निर्णय लिया गया है। यहीं पर जो द्वार बनाए जाएंगे वे देवदार की लकड़ी के बने होंगे तथा इन पर किन्नौर की शैली में नक्काशी होगी। यही शैली श्री आदि हिमानी चामुंडा मंदिर में भी की गई है। अब यह नक्काशी श्री चामुंडा नंदीकेश्वर धाम में भी करने का निर्णय लिया गया है।

किन्नौर के निचार से नक्काशी करने पहुंचे कुशल कारीगर

इसी कड़ी में किन्नौर के निचार से कुशल कारीगर लकड़ी पर कलाकृतियां बनाने के कार्य में जुट गए हैं। इन्हीं कारीगरों ने आदि हिमानी चामुंडा मंदिर में भी लकड़ी पर नक्काशी का कार्य किया है। श्री चामुंडा नंदीकेश्वर था देश के शक्तिपीठों में शामिल है तथा प्रतिवर्ष लाखों की संख्या में श्रद्धालु यहां पहुंचते हैं। इसी के दृष्टिगत अब मंदिर परिसर को भव्यता प्रदान की जा रही है।

आदि हिमानी चामुंडा में हुई भारी ओलावृष्टि

उधर, लगभग 10,000 फुट की ऊंचाई पर स्थित श्री आदि हिमानी चामुंडा मंदिर में बुधवार को भारी ओलावृष्टि हुई। लगभग आधे घंटे तक निरंतर ओलावृष्टि के कारण मंदिर के आसपास सफेद परत जम गई, जिस कारण तापमान में गिरावट आई है। श्री आदि हिमानी चामुंडा मंदिर के कपाट 15 नवम्बर के आसपास बंद किए जाने की परंपरा है परंतु इस बार पहले ही अत्यधिक ठंड पडऩे लगी है।

Vijay