सैलानियों की जान पर भारी पड़ सकता है चमेरा जलाशय में बोटिंग करने का शौक

Friday, Apr 26, 2019 - 11:01 AM (IST)

चम्बा : चमेरा जलाशय में बोटिंग करने वालों को अपना शौक पूरा करने के लिए अपनी जान को खतरे में डालना पड़ रहा है। इसकी वजह यह है कि यहां वोटिंग करने पर पर्यटन विभाग ने प्रतिबन्ध लगा दिया है। इस वजह से चमेरा-1 जलाशय में अब बोटिंग करने की सुविधा बंद हो गई है। इस स्थिति के बीच जो भी पर्यटक बोटिंग करने की इच्छा लेकर यहां पहुंच रहे हैं उन्हें दूसरा कोई विकल्प नजर नहीं आने पर वे अपनी इच्छापुर्ति के लिए असुरक्षित वोट के माध्यम से चमेरा जलाशय में सैर करने का आनंद ले रहे हैं। हैरान करने वाली बात है कि चमेरा जलाशय जिसकी गहराई 120 मीटर तक है उसमें पर्यटकों को मछली पकडऩे वाली बोट के माध्यम से जलाशय की सैर करवाने से स्थानीय बोट मालिक गुरेज नहीं कर रहे हैं।

बोटिंग पर अभी लगा है प्रतिबन्ध

चमेरा जलाशय में वोटिंग प्वाइंट के नाम पर हर वर्ष पर्यटन विभाग तलेरू को नीलाम करता है। अपनी शर्तों में विभाग लोगों की जान को सुरक्षित रखने की पूरी व्यवस्था करता है। इसी के चलते बीते दिनों एक बार फिर से तरेरू बोटिंग प्वाइंट की जिला प्रशासन द्वारा ई-टैंडरिंग के माध्यम से निविदा प्रक्रिया को अंजाम दिया गया। दिल्ली की एक पार्टी को यह काम 1 करोड़ 52 लाख रुपए में आबटिंत कर दिया गया। इसके खिलाफ दूसरी पार्टी प्रदेश उच्च न्यायालय में चली हुई जिस पर प्रदेश उच्च न्यायालय ने मामले पर स्टे आर्डर जारी कर दिया। अदालत के आदेशों को ध्यान में रखते हुए प्रशासन ने इस निविदा प्रक्रिया को पूरी तरह से अमलीजामा पहनाने में ब्रेक लगा दी हालांकि उक्त पार्टी को काम एवार्ड होने का अधिकारी पत्र जारी हो चुका है। इसी वजह से इन दिनों तलेरू में किसी भी प्रकार की बोटिंग पर पर्यटन विभाग ने प्रतिबन्ध लगा रखा है।

सुरक्षा व्यवस्था पूरी तरह से नजरअंदाज

चमेरा जलाशय जिसे की पर्यटन विभाग ने पर्यटकों के लिए पर्यटन स्थल के रूप में विकसित किया है और हर वर्ष हजारों सैलानी जो भी जिला चम्बा घूमने आते हैं वे इस जलाशय में बोटिंग करने का लुत्फ लेने के लिए तलेरू बोटिंग प्वाइंट जरूर पहुंचते हैं। हैरानी की बात है कि इन दिनों पर्यटन विभाग ने तो अपनी बोटिंग व्यवस्था को बंद कर रखा है लेकिन उसके स्थान पर कुछ स्थानीय लोग अपनी मछलियां पकडऩे वाली कश्ती के माध्यम से पर्यटकों को चमेरा जलाशय की सैर करवा कर खूब पैसे बटोर रहे हैं।

सुरक्षा को मद्देनजर रखते हुए यह सैर पूरी तरह से असुरक्षित है क्योंकि इनमें बैठने वालों को न तो लाइफ जैकेट पहनाई जा रही हैं और न ही यह बोट सही मायने में लोगों को बैठाने के लिए पूरी तरह से सुरक्षित है। ऐसे में अगर यह वोट कहींपलटती है तो इसमें सवार लोगों की जान बचाना मुश्किल हो जाएगा और ऐसा होने पर कहीं न कहीं पर्यटन विभाग की जिम्मेवार जरूर बनती है। ऐसे में पर्यटन विभाग को इस मामले पर कड़ा संज्ञान लेना चाहिए ताकि किसी प्रकार की कोई अप्रिय घटना न घट सके।

 

 

kirti