परिवार के चैक आऊट करने के चंद मिनट बाद होटल में फटा गीजर, कमरे और बाथरूम के उड़े परखच्चे

Tuesday, May 01, 2018 - 01:31 AM (IST)

चम्बा : सोमवार को डल्हौजी में स्थित पर्यटन निगम के होटल मणिमहेश में गीजर फटने से होटल के कमरा नम्बर 311 में रहे सामान के साथ दीवारों व दरवाजे के परखच्चे उड़ गए। राहत की बात यह रही है कि यह घटना इसलिए किसी बड़ी दुर्घटना का रूप धारण नहीं कर सकी क्योंकि 10 मिनट पहले ही इस कमरे में रहने दिल्ली के एक परिवार ने यहां से चैक आऊट किया था। होटल के इस कमरे में यह घटना तब घटी जब चंद मिनट पहले ही दिल्ली का यह परिवार चैक आऊट कर चुका था। इस परिवार में पति-पत्नी व दो छोटे बच्चे शामिल थे। यानी यह घटना अगर चंद मिनट पहले घटती तो चार जिंदगियों पर यह भारी पड़ जाती। हैरानी इस बात की है कि हिमाचल पर्यटन निगम के जिला चम्बा में ए.जी.एम. के पद पर तैनात अधिकारी ने एक जेई को चम्बा से डल्हौजी जांच के लिए भेज दिया है। हालांकि वह खुद घटनास्थल पर नहीं गए। उक्त अधिकारी से जब कमरे में रहने वाले पर्यटकों के बारे में जानकारी हासिल करनी चाही तो उन्होंने कहा कि इस बारे में उन्हें कोई जानकारी नहीं है। साथ ही उन्होंने यह जानकारी देने में भी असमर्थता जताई कि यह गीजर कितना पुराना है। यही नहीं उन्हें तो इस बात का भी पता नहीं है कि उनके इस 33 कमरों वाले होटल में कितने गीजर उसी कंपनी के लगे हुए हैं जिस कंपनी का यह गीजर सोमवार को विस्फोट की तरह फटा है।

होटल में रहने वाले पर्यटक ने कहा-ऑनलाइन करेंगे शिकायत
 होटल के इस कमरे में अपने रहने वाले आशीष शर्मा का कहना है कि वह सुबह अपने परिवार के साथ इस कमरे से करीब 9 बजे निकले तो करीब आधे घंटे बाद ही होटल से फोन आ गया कि आपके कमरे वाला गीजर फट गया है लेकिन जब पंजाब केसरी ने हमें इस कमरे की फोटो भेजी तो हमें इस बात का आभास हो गया कि हम किस्मत के धनी रहे। आशीष शर्मा ने कहा कि यह बेहद गंभीर मामला है क्योंकि अगर यह घटना कुछ मिनट पहले होती तो नि:सन्देह वह तथा उसके परिवार के सदस्य जिंदा नहीं बचते। उन्होंने कहा कि वह दिल्ली पहुंचते ही इस मामले की ऑनलाइन शिकायत करेंगे ताकि इस पूरे मामले की जांच हो और जो भी इसके लिए जिम्मेदार हो उसके खिलाफ कड़ी कार्रवाई हो सके। 

2 परिवार रुके थे इस होटल में
2 परिवार इक्ट्ठे डल्हौजी घूमने के लिए रविवार को आए और एक दिन वहां अपने परिवार के साथ हिमाचल पर्यटन निगम के होटल मणिमहेश में रुके। रविवार को डल्हौजी की हसीन वादियों को अपने परिवार के संग लुत्फ उठाने के बाद सोमवार की सुबह करीब 9 बजे अपने कमरों को छोड़ कर वापिस दिल्ली लौट गए। यह तो उनकी किस्मत ने साथ दे दिया वरना जिस तरह से होटल के कमरा नम्बर 311 की हालत हुई है उससे यह साफ पता चलता है कि कमरे में चाहे पर्यटक होता या होटल का कोई कर्मचारी उसकी जान बचने का प्रश्न ही पैदा नहीं होता। जानकारी के अनुसार इस होटल के कुछ कमरों का निर्माण वर्ष 2009 में हुआ था यह कमरा भी उसी सूची में शामिल है, ऐसे में यह साफ होता है कि 9 वर्ष पहले यह गीजर लगाया गया था। 

ग्रह नक्षत्रों की बात होती है, कोई भी हादसा कहीं भी हो सकता है। इस पर कुछ नहीं बोल सकते हैं। इतना जरूर है कि जिस समय यह घटना घटी उस समय अगर बाथरूम में कोई भी होता तो कुछ भी हो सकता था। 
-अश्नी सोनी, ए.जी.एम., हि.प्र.नि. चम्बा

यह बात ध्यान में लाई गई है, जिसके चलते इस मामले की जांच करने के निर्देश जारी किए जाएंगे। 
  -सुदेश मोख्टा, निदेशक, हिमाचल प्रदेश पर्यटन विभाग शिमला

Kuldeep