न्यायिक हिरासत में भेजे वन्य जीव तस्करी गिरोह से जुड़े अपराधी

punjabkesari.in Sunday, Jun 02, 2024 - 10:05 PM (IST)

वन मंडल डल्हौजी ने वन्य जीव तस्करी गिरोह में पकड़े थे कांगड़ा व पंजाब के 4 लोग
चम्बा (ब्यूरो):
वन मंडल डल्हौजी के अंतर्गत गत 27 मई को गिरफ्तार अपराधियों को रिमांड व जांच पूरी होते ही चम्बा जेल में न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया है। बीते 27 मई 2024 को डल्हौजी शहर से 25 किलोमीटर दूर तुनुहट्टी वन चैक-पोस्ट पर वन विभाग के अधिकारियों व कर्मचारियों ने 4 लोगों को गिरफ्तार करके वन्य जीव तस्करी गिरोह का भंडाफोड़ किया था तथा उनसे भारी मात्रा में जंगली जानवरों के शरीर के अंग व 2 जीवित सांप जब्त किए थे। डी.एफ.ओ. डल्हौजी रजनीश महाजन ने बताया कि जब्त किए गए जानवरों में 25 सियार/गीदड़ सिंघी, मॉनिटर छिपकली के 8 हथजोड़ी, मॉनिटर छिपकली के 13 पंजे, 4 सांप की खोपड़ी, 8 सांप की रीढ़ की हड्डी के टुकड़े, 11 शैल के कांटे और फ्लैप शैल कछुए का एक खोल शामिल थे। इसके अलावा, उनके कब्जे से सांप की खाल का एक डिब्बा, 40 सिवेट कैट के पंजे और 2 जीवित सांप-एक स्पेकटेकलड कोबरा और एक इंडियन सैंडबोआ बरामद किया गया। उन्होंने कहा कि बरामद की गई वस्तुओं का कथित तौर पर काले जादू की रस्मों में इस्तेमाल किया जाता है तथा ये जीव पर्यावरण के दृष्टि से अमूल्य है। गिरफ्तार किए गए लोगों में से 2 कांगड़ा जिले के नूरपुर शहर के पास जस्सूर के गांव छतरोली के रहने वाले हैं और 2 पंजाब के लुधियाना के हैं जिन्हें नियमित जांच के दौरान 2 बाइकों पर चम्बा जाते समय पकड़ा गया था।

जांच अधिकारी बारीकि से कर रहे जांच
पूरे मामले की तहकीकात के लिए सहायक अरण्यपाल वन विभाग रवि गुलरिया को जांच अधिकारी नियुक्त किया गया है तथा आरोपियों पर वन्यजीव संरक्षण अधिनियम, 1972 के प्रावधानों के तहत मामला दर्ज किया गया और अपराधियों को स्थानीय अदालत में पेश किया गया। इसके पश्चात उन्हें 3 दिन के फारेस्ट रिमांड पर भेजा गया। अपराधियों से पकड़े गए जंगली जानवर श्रेणी एक के वन्य जीव हैं तथा उनकी पशुपालन विभाग द्वारा फिटनेस जांच करवाने के पश्चात न्यायालय की अनुमति से उन्हें वन क्षेत्रों में छोड़ दिया गया है जहां से वे पकड़े गए थे। वन्य जीवों व उनके अंगो की तस्करी करना एक बहुत बड़ा दंडनीय अपराध है तथा इस का पर्यावरण पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ता है। विभाग ने लोगों से वन्य जीव तस्करी से संबंधित किसी भी संदिग्ध गतिविधि की सूचना वन विभाग के अधिकारियों से सांझा करें।
 


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Content Writer

Kuldeep