जब बीच रास्ते में हांफी एच.आर.टी.सी. बस

Monday, Oct 02, 2017 - 11:37 PM (IST)

चम्बा : हिमाचल पथ परिवहन निगम अपने यात्रियों को सुरक्षित यात्रा मुहैया करवाने का दावा करता है लेकिन निगम के ये दावे कितने कारगार साबित हो रहे हैं, इसका अंदाजा बीच रास्ते खराब हो रहीं निगम की बसों से लगाया जा सकता है। बसें खराब होने के बाद निगम के कर्मचारी यात्रियों से पूरी तरह से मुंह मोड़ रहे हैं। यात्रियों को गंतव्य स्थानों तक पहुंचाने के लिए न तो वैकल्पिक बसों का इंतजाम किया जा रहा है और न ही उनसे लिए गए किराए को वापस करने की जहमत उठाई जा रही है। सोमवार को पठानकोट डिपो की एच.आर.टी.सी. की चुवाड़ी से वाया द्रमण होकर पठानकोट जा रही बस द्रमण से करीब 45 किलोमीटर पीछे साला के पास खराब हो गई। इस दौरान बस में करीब 50 से 60 सवारियां मौजूद थीं। बस में सवार पंकज, अक्षय, विशाल व अनीश आदि ने रोष प्रकट करते हुए बताया कि एच.आर.टी.सी. की बसों का खराब होना आम बात हो गई है। उन्होंने कहा कि अगर बस खराब हो गई थी तो निगम को चाहिए था कि वे सवारियों को पहुंचाने के लिए किसी वैकल्पिक व्यवस्था का इंतजाम करता या फिर उनसे लिए गए किराए को वापस किया जाता लेकिन निगम की ओर से ऐसा कुछ नहीं किया गया। ऐसे में उन्हें अपने गंतव्य स्थानों तक या तो पैदल या फिर निजी वाहनों में महंगे दाम चुका कर पहुंचना पड़ा। 

मेरे ध्यान में ऐसा कोई मामला नहीं है। हर बस में आर.एम. और डी.एम. का नंबर लिखा होता है। अगर ऐसी बात थी तो सवारियों को इन नंबरों पर सूचित करना चाहिए था ताकि उन्हें वैकल्पिक व्यवस्था मुहैया करवाई जा सकती। 
विजय सिपहिया, डी.एम. एच.आर.टी.सी. धर्मशाला मंडल 

 मैं आज छुट्टी पर हूं और मेरे ध्यान में ऐसा कोई मामला नहीं है। फिर भी फोरमैन से संपर्क कर पता किया जाएगा कि बस में खराबी कैसे आर्ई और वैकल्पिक व्यवस्था क्यों नहीं की गई। 
 कुलदीप ठाकुर, आर.एम. पठानकोट