कोरोना काल में भी खलनायक बनी रही केंद्र सरकार, तेल कंपनियों को लूट की दी खुली छूट : राणा

Thursday, Nov 26, 2020 - 12:15 PM (IST)

हमीरपुर : कोरोना काल के दौरान आर्थिक संकट से जूझ रही जनता की जेब पर डाका डालते हुए पेट्रोल-डीजल की कीमतों में बढ़ोतरी की गई। केंद्र सरकार व तेल कंपनियों ने उस दौर में जनता को लूटने में कोई कसर नहीं छोड़ी। यह बात प्रदेश कांग्रेस उपाध्यक्ष एवं सुजानपुर के विधायक राजेंद्र राणा ने जारी प्रेस विज्ञप्ति में कही। उन्होंने कहा कि पिछले साल कच्चे तेल की प्रति बैरल लागत 4100 से 4400 रूपए तक थी, जोकि कोरोना काल में 2000 रूपए प्रति बैरल तक पहुंच गई, लेकिन उस समय डीजल-पेट्रोल की कीमतें कम कर जनता को फायदा पहुंचाने की बजाय पेट्रोल पर 10 रूपए तथा डीजल पर 13 रूपए प्रति लीटर अतिरिक्त एक्साइज ड्यूटी लगा दी। अब भी कच्चे तेल की प्रति बैरल कीमत 3000 रूपए के करीब है, लेकिन पेट्रोल-डीजल के दाम में कोई कटोती नहीं की गई है।

सबका साथ-सबका विकास की बात करने वाली केंद्र सरकार कोरोना काल में जनता का हमदर्द बनने की बजाए पर्दे के पीछे से खलनायक की भूमिका निभाती रही। यही कारण रहा कि अप्रैल-मई में कच्चे तेल की कीमत में कमी के बावजूद पेट्रोल-डीजल की कीमतें बढ़ाने से सरकार व तेल कंपनियों ने इस साल सितम्बर माह तक ही 25 हजार करोड़ से ज्यादा कमाई की। तेल के दाम बढ़ने से मालभाड़ा में भी बढ़ोतरी हुई है, जिससे आम आदमी को महंगाई से भी जूझना पड़ रहा है। विधायक ने कहा कि कोरोना काल में महामारी से खुद व परिवार को बचाए रखने के लिए आर्थिक संकट से जूझने के बावजूद लोगों में दोपहिया व चौपहिया वाहन खरीदने की होड़ मची हुई थी, लेकिन उस समय पेट्रोल-डीजल के दाम कम करने की बजाय उनमें बढ़ौतरी कर सरकार ने पीठ में छुरा घोंपने का काम किया।

आम आदमी को लूटने के सरकार नित नए-नए तरीके इजाद कर रही है तथा तानाशाह की तरह जनता पर निर्णय थोपे जा रहे हैं। उन्होंने आरोप लगाया कि केंद्र सरकार को आम आदमी से कोई मतलब नहीं है। चुनावों के समय स्वयं सरकार ने महामारी से बचने की एडवाइजरी की अनुपालना नहीं की और अब मामले बढ़ने के बाद नींद से जाग रही है। यही हाल प्रदेश सरकार का है, जिसने अपनी रैलियों में नियमों की जमकर उल्लंघना कर जनता की जान सांसद में डाली और अब नियमों का सख्ती से पालन करने की बात कही जा रही है।
 

prashant sharma