केंद्र सरकार ने हिमाचल को दिया तोहफा, टूरिज्म के लिए सबसे बड़े प्रोजैक्ट पर लगी मोहर

Wednesday, Aug 29, 2018 - 07:06 PM (IST)

शिमला (राक्टा): हिमाचल में पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए केंद्र सरकार ने 1892 करोड़ रुपए के प्रोजैक्ट को मंजूरी प्रदान कर दी है। मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने नियम 130 के तहत सदन में पर्यटन नीति को लेकर हुई चर्चा को जवाब देते हुए यह बात कही। मुख्यमंत्री ने सदन को बताया कि प्रदेश सरकार ने इस प्रोजेक्ट को केंद्र सरकार को एशियन विकास बैंक से फंडिंग के लिए भेजा था, जिसे केंद्र ने मंजूर कर लिया है। इस महत्वाकांक्षी प्रोजैक्ट के माध्यम से प्रदेश के अनछुए क्षेत्रों में पर्यटन को विकसित किया जाएगा।

पर्यटन की दृष्टि से अनछुए क्षेत्रों को किया जाएगा विकसित
उन्होंने इस प्रोजैक्ट को हिमाचल प्रदेश के पर्यटन के इतिहास में सबसे बड़ा प्रोजैक्ट भी करार दिया। उन्होंने कहा कि इस प्रोजैक्ट के तहत चांशल, बीड़ बिलिंग और जंजैहली जैसे अनछुए क्षेत्रों को पर्यटन की दृष्टि से विकसित किया जाएगा। उन्होंने कहा कि इसके अलावा केंद्र ने चिंतपूर्णी मंदिर के लिए 50 करोड़ रुपए की प्रसाद योजना को भी मंजूरी दे दी है।

मुख्यमंत्री ने विपक्ष से मांगा सहयोग
मुख्यमंत्री ने राज्य में पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए विपक्ष से सहयोग मांगा ताकि निजी क्षेत्र को प्रदेश में ज्यादा से ज्यादा निवेश के लिए आकर्षित किया जा सके। उन्होंने कहा कि ऐसा करना इसलिए जरूरी है क्योंकि प्रदेश सरकार के पास आय के सीमित साधन हैं। उन्होंने कहा कि प्रदेश में जब भी निजी क्षेत्र के माध्यम से पर्यटन को बढ़ावा देने का प्रयास हुआ है तब-तब विपक्ष का भारी विरोध झेलना पड़ा है। इसलिए निजी निवेशकों को आगे लाने में विपक्ष का सहयोग जरूरी है तभी राज्य में पर्यटन के क्षेत्र में मजबूत आधारभूत ढांचा खड़ा किया जा सकता है।

पर्यटन क्षमता के दोहन का हो रहा हरसंभव प्रयास
उन्होंने कहा कि उनकी सरकार प्रदेश में मौजूद पर्यटन क्षमता के दोहन का हरसंभव प्रयास कर रही है। इसके माध्यम से न केवल राज्य की आय में वृद्धि होगी बल्कि स्वरोजगार भी बड़े पैमाने पर उपलब्ध हो सकेगा। इसके लिए सरकार ने नई राहें-नई मंजिल योजना भी शिमला और मनाली में शुरू की है। पर्यटन नीति पर बीते सोमवार को सदन में चर्चा हुई थी, जिसमें 18 सदस्यों ने भाग लिया था।

केवल वेतन-भत्ते के लिए सरकारें देती रहीं पैसा
मुख्यमंत्री ने इस बात पर भी हैरानी जताई कि अभी तक प्रदेश में पर्यटन को बढ़ावा देने के नाम पर कोई बजट का प्रावधान नहीं था और केवल कर्मचारियों व अधिकारियों के वेतन-भत्ते देने के लिए ही सरकारें पैसे देती रहीं। उन्होंने कहा कि पहली बार उनकी सरकार ने राज्य में पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए अलग से 50 करोड़ रुपए का प्रावधान किया है।

आईस स्केटिंग रिंक का जीर्णोद्धार
मुुख्यमंत्री ने कहा कि शिमला शहर में 132 करोड़रु पए व्यय किए जा रहे हंै। इसके अतिरिक्त  शिमला शहर के लिए भारत सरकार की स्वदेश दर्शन योजना के तहत 15 करोड़ रु पए स्वीकृत किए गए है। इस राशि का व्यय शिमला में हैलीपैड के निर्माण तथा आईस स्केटिंग रिंक के जीर्णोद्धार एवं सौंदर्यकरण पर किया जाएगा। इसके साथ ही हाटकोटी मंदिर परिसर के सौंदर्यकरण के लिए 5 करोड़ रुपए व्यय किए जाएंगे। उड़ान योजना के तहत संजौली बाईपास पर बन रहे हैलीपैड से प्रदेश भर में हैलीटैक्सी एवं हैलीकॉप्टर सेवाएं प्रदान की जाएगी।

मंडी में अंतर्राष्ट्रीय एयरपोर्ट को भूमि चयनित
जयराम ठाकुर ने कहा कि उनकी सरकार ने राज्य में हवाई सेवाएं बढ़ाने के लिए प्रभावी कदम उठाए हैं और शिमला एयरपोर्ट से 6 सालों बाद फिर से उड़ानें शुरू की हैं। उन्होंने कहा कि इसके साथ ही हैलीटैक्सी सेवा भी शुरू की गई है। मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश में अंतर्राष्ट्रीय एयरपोर्ट बनाए जाने के लिए बहुत तेजी से प्रयास किए जा रहे है। इसके लिए मंडी जिला में एयरपोर्ट ऑथोरिटी ऑफ इंडिया द्वारा भूमि का चयन भी कर लिया गया है।

फोरलेन का काम 3 साल में होगा पूरा
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश में बन रहे फोर लेन मार्गों का काम अगले लगभग तीन सालों में पूरा कर लिया जाएगा जिसके बाद पर्यटकों को राज्य में पहुंचना ज्यादा सुगम होगा। इससे राज्य में पर्यटन को और प्रोत्साहन मिलेगा। उन्होंने कहा कि शिमला के इतिहास के बारे में पर्यटकों को जानकारी दी जाएगी। इस दिशा में काम किया जा रहा है।

7 साल तक कोई लाईसैंस फीस नहीं
मुख्यमंत्री ने कहा कि सरकार रोप-वे विकसित करने का भी प्रयास कर रही है लेकिन कुछ एक रोप-वे ऐसे है, जिनकी बार-बार निविंदाए बुलाए जाने पर भी कोई भी निवेशक आगे नहीं आया है, ऐसे में अब निर्णय लिया गया है कि चिन्हित परियोजनाओं के लिए निवेशकों को परियोजना शुरू होने के 7 साल तक कोई भी लाईसैंस फीस नहीं देनी होगी। इसके साथ ही अन्य शर्तो पर भी छूट दी जाएगी।

Vijay