हिमाचल में फिर महंगा हुआ सीमैंट, जानिए अब कितने बढ़ गए दाम

Wednesday, Feb 05, 2020 - 10:48 PM (IST)

सोलन (नरेश पाल): हिमाचल प्रदेश सरकार की दिल्ली चुनाव की व्यस्तता का लाभ प्रदेश में स्थापित सीमैंट उद्योगों ने उठाना शुरू कर दिया है। सीमैंट कंपनियों ने एक बार फिर सीमैंट के 10 रुपए प्रति बैग दाम बढ़ा दिए हैं। एक महीने के अंदर ही प्रदेश में सीमैंट 20 रुपए महंगा हो गया है। इससे साफ संकेत मिल रहे हैं कि सरकार का सीमैंट कंपनियों के ऊपर नियंत्रण नहीं है। यही कारण है कि सीमैंट उद्योग मनमाने ढंग से सीमैंट के दाम बढ़ा रहे हैं। इसके कारण आम आदमी भी परेशान हो गया है। हालांकि प्रदेश के सभी जिलों में सीमैंट के दाम अलग हैं लेकिन सीमैंट के बढ़े इन दामों का असर पूरे प्रदेश में देखने को मिल रहा है।

कंपनियों ने 7 जनवरी को बढ़ाए थे सीमैंट के दाम

सीमैंट कंपनियों ने सबसे पहले 7 जनवरी को सीमैंट के 5 रुपए दाम बढ़ाए थे। 11 जनवरी को सीमैंट के दामों में 5 रुपए की और वृद्धि कर दी। सीमैंट के बढ़े इन दामों का सरकार ने भी कड़ा संज्ञान लिया था। सीमैंट कंपनियों के अधिकारियों के साथ बैठक करने की बात कही थी ताकि इन कंपनियों को दाम बढ़ाने से रोका जा सके। हालांकि इससे लगा कि सरकार के कड़े रुख का सीमैंट उद्योगों पर खासा असर हुआ है। इसी बीच मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर के साथ-साथ सरकार के लगभग सभी मंत्री दिल्ली विधानसभा चुनाव प्रचार के लिए देश की राजधानी चले गए। उनके दिल्ली में डेरा डालते ही सीमैंट कंपनियों ने 5 फरवरी को सीमैंट अब सीधा 10 रुपए और महंगा कर दिया।

पड़ोसी राज्यों की तुलना हिमाचल में महंगा बिक रहा सीमैंट

हैरानी की बात यह है कि प्रदेश में सीमैंट का उत्पादन हो रहा है लेकिन पड़ोसी राज्यों की तुलना में हिमाचल प्रदेश में सीमैंट सबसे महंगा बिक रहा है। अंबुजा सीमैंट का उत्पादन दाड़लाघाट में 2 प्लांट के अतिरिक्त नालागढ़ में भी उत्पादन हो रहा है। इसी तरह अल्ट्राटैक सीमैंट का उत्पादन अर्की के बागा के अलावा नालागढ़ के बघेरी में हो रहा है। एसीसी सीमैंट का उत्पादन जिला बिलासपुर के बरमाणा में किया जा रहा है। जिला सोलन में 2 सीमैंट उद्योगों के प्लांट स्थापित हैं लेकिन कई जिलों की तुलना में जिला सोलन में सीमैंट महंगा बिक रहा है।

जिला सोलन में ये हैं सीमैंट के दाम

जिला सोलन में सीमैंट के दाम 394 रुपए प्रति बैग हो गए हैं जबकि प्रदेश के अन्य जिलों में भी ये दाम 400 से 450 रुपए के बीच हो गए हैं। जिला किन्नौर और लाहौल-स्पीति में ये दाम अन्य जिलों की तुलना में काफी अधिक हैं। खाद्य वस्तुओं की बढ़ती कीमतों ने आम आदमी को पहले रुलाया हुआ है, ऐसे में सीमैंट की बढ़ती कीमतों ने आम आदमी की चिंताओं को और बढ़ा दिया है। प्रदेश में सीमैंट की कीमतों पर सरकार का कोई नियंत्रण नहीं है। इसका असर रेत, बजरी, ईंट, टाइलों व अन्य निर्माण सामग्री पर भी पड़ रहा है। पिछले कुछ दिनों में इनकी मांग में भी कमी आई है।

Vijay