गुडिय़ा केस के मास्टरमाइंड की तलाश में CBI, नहीं मिले सबूत

Friday, Jul 28, 2017 - 11:57 PM (IST)

शिमला: गुडिय़ा मामले में देश की सर्वोच्च जांच एजैंसी सी.बी.आई. के हाथ अभी खाली हंै। एस.आई.टी. गठित हुए एक सप्ताह का वक्त हो गया है। जांच का पहला पड़ाव भी पूरा हो चुका है। सबूतों के अभाव में नई गिरफ्तारी भी संभव नहीं हो पाई है। बेशक सी.बी.आई. पर वैसा दबाव नहीं है, जैसा पुलिस पर होता है पर केस सुलझाने का कहीं न कहीं दबाव उस पर भी है ही। नामी जांच एजैंसी होने के नाते लोगों को इससे उम्मीदें भी बड़ी हैं। 

सी.बी.आई. एक साथ कर रही 2 केसों की जांच
सी.बी.आई. एक साथ 2 केसों की जांच कर रही है। पहला गुडिय़ा का केस और दूसरा सूरज की हवालात में हुई हत्या का मामला। इस संबंध में 22 जुलाई को दिल्ली की विशेष अपराध शाखा ने 2 अलग-अलग केस दर्ज किए थे। उसी दिन अधिकारियों व कर्मियों की एस.आई.टी. गठित की गई थी। इसके मुखिया एस.पी. रैंक के अधिकारी बनाए गए लेकिन निगरानी का कार्य डी.आई.जी. रैंक के अधिकारी को सौंपा गया। 3 बार सीन ऑफ क्राइम का दौरा हो चुका है। इस दौरान फोरैंसिक टीम भी मौजूद रही। एक्चुअल क्राइम कहां हुआ, अभी इसके बारे में तस्वीर स्पष्ट नहीं हो पाई है।

क्या ब्लाइंड केस का मास्टरमाइंड कोई और है?
सवाल उठता है कि क्या इस ब्लाइंड केस का मास्टरमाइंड कोई और है? अगर है तो वह कौन है? क्या पुलिस के कुछ अधिकारी उसे जानते हैं? अगर उन्हें शुरूआती जांच में संकेत मिले थे तो फिर सी.बी.आई. इन पुलिस वालों से भी पूछताछ कर सकती है। क्या सूरज की मौत पुलिस की थर्ड डिग्री से हुई? इस बारे में सी.बी.आई. की एक टीम जांच कर रही है। इस बारे में सस्पैंड पुलिस कर्मियों व लाइन हाजिर कर्मियों से भी पूछताछ हो रही है। 

सरकार ने दी थी सी.बी.आई. जांच की सलाह
जन आक्रोश के मद्देनजर मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह ने गुडिय़ा मामले की जांच सी.बी.आई. से करवाने की सिफारिश की थी। उन्होंने इस बारे में गृह मंत्री राजनाथ सिंह से खुद भी दूरभाष पर बात की थी। इस सिफारिश को अभी केंद्र ने स्वीकार नहीं किया था, इस बीच हाईकोर्ट ने सी.बी.आई. जांच के आदेश दिए।  

जांच लंबी चली तो बढ़ेगा सरकार का संकट
सी.बी.आई. की जांच लंबी चली तो फिर राज्य सरकार का संकट और लंबा चलेगा। गुडिय़ा मामले में सरकार पर विपक्ष तो सवाल उठा ही रहा है, कांग्रेस के ‘अपने’ भी कोई मौका नहीं चूक रहे हैं। कांग्रेस के 6 विधायकों ने इसी सिलसिले में पार्टी हाईकमान को पत्र लिखा था। कांग्रेस अध्यक्ष सुखविंदर सिंह सुक्खू ने शिकायत की पुष्टि कर गुडिय़ा मामले में सरकार के खिलाफ भड़क रही आक्रोश की आग में घी डालने का कार्य किया।