कोटखाई मामले में फिर IGMC पहुंची CBI, नहीं मिला यह सबूत

Wednesday, Sep 06, 2017 - 08:19 PM (IST)

शिमला: कोटखाई रेप व मर्डर केस के सिलसिले में सी.बी.आई. की एक टीम बुधवार को फिर से आई.जी.एम.सी. पहुंची। सूत्रों के अनुसार टीम ने गुडिय़ा के पोस्टमार्टम से जुड़ी कुछ और जानकारियां एकत्र कीं। टीम ने फोरैंसिक मैडीसन डिपार्टमैंट के डाक्टरों से भी पूछताछ की। इससे पहले भी उनसे पूछताछ हो चुकी है। हालांकि डाक्टरों का दावा है कि उन्होंने गुडिय़ा केस में वैज्ञानिक आधार पर ही पोस्टमार्टम किया है। इसमें 3 डाक्टरों की टीम शामिल थी। 

सूरज केस में 2 बार हुआ पोस्टमार्टम, अलग-अगल थीं रिपोर्ट्स   
सूरज केस में भी डाक्टरों से पूछताछ की गई है। इस केस में पोस्टमार्टम पहले आई.जी.एम.सी. के डाक्टरों ने किया है। दूसरी बारी यह पोस्टमार्टम सी.बी.आई. ने एम्स के विशेषज्ञों से करवाया। सूत्रों के अनुसार दोनों की रिपोर्ट में भिन्नताएं पाई गई हैं। क्या फर्क है, इसका खुलासा तो नहीं हुआ है लेकिन दूसरी रिपोर्ट की बिनाह पर ही सी.बी.आई. ने पुलिस की एस.आई.टी. के प्रमुख रहे आई.जी. सहित 8 पुलिस अधिकारियों व कर्मचारियों को गिरफ्तार किया था। वहीं गुडिय़ा का पोस्टमार्टम पुलिस के माध्यम से ही हुआ था। जब केस सी.बी.आई. के पास आया तब यह दोबारा करवाना संभव नहीं था। 

सी.सी.टी.वी. फुटेज खंगाली पर नहीं मिला डाटा
सी.बी.आई. ने आई.जी.एम.सी. प्रशासन को एक पत्र लिखा था। उसमें 5 जुलाई की राजू की फुटेज खंगालने को कहा था लेकिन यह कैमरों में नहीं पाई गई। पुरानी फुटेज ऑटोमैटिक डिलीट होती रहती है। राजू उस दिन शिमला आया था या नहीं, इस बारे में फिलहाल कोई पता नहीं चल पाया है। आरोपी की मां ने दावा किया था कि उसका बेटा 5 जुलाई को सुबह उसके साथ शिमला आया था जबकि गुडिय़ा 4 जुलाई को बानकूफर स्थित महासू स्कूल से लापता हो गई थी। 

सी.सी.टी.वी. कैमरे की हार्ड डिस्क कब्जे में
पुलिस जांच के अनुसार गुडिय़ा के साथ राजू और उसके साथियों ने 4 जुलाई को पहले गैंगरेप किया और बाद में मर्डर कर दिया था लेकिन लोगों को पुलिस की कहानी पर यकीन नहीं हुआ था। सूत्रों के मुताबिक सी.बी.आई. ने सी.सी.टी.वी. कैमरे की हार्ड डिस्क को कब्जे में लिया। इससे डाटा को रिकवर करने का प्रयास किया जाएगा।