अब शिमला मिर्च आई वायरस जनित बीमारी की चपेट में

Monday, Aug 12, 2019 - 01:13 PM (IST)

सोलन(ब्यूरो): अधिकतर फास्ट फूड में प्रयोग होने वाली शिमला मिर्च को बेल पेपर या स्वीट पेपर भी कहा जाता है| शिमला मिर्च की जैविक खेती हमारे देश के विभिन्न क्षेत्रों में की जाती है| हिमाचल प्रदेश में 2600 हेक्टेयर भू मि में इसकी पैदावार होती है, जिसमे अकेले सोलन जिला में इसकी आधी यानी करीब 1250 हेक्टेयर में इसकी खेती कि जाती है। इसके साथ-साथ शिमला, सिरमौर और मंडी जिला में भी इसकी खेती होती है। किसानों की आर्थिकी से जुड़ी यह फसल इन दिनों संकट में है।

सिरमौर जिला में आजकल शिमला मिर्च की फसल तैयार है पर एकाएक करके सवास्थ पौधे सूखते जा रहे है। किसानों ने इस बात की सूचना वैज्ञानिकों को दी।सूचना के आधार पर डा. वाई.एस. परमार उद्यानिकी एवं वानिकी विश्वविद्यालय के वैज्ञानिकों डा. प्रेम लाल शर्मा, विशेषज्ञ कीट विज्ञान, डा. अमित विक्रम, डा. अशोक ठाकुर विशेषज्ञ सब्जी विज्ञान और पादप रोग विशेषज्ञ डा. भूपेश गुप्ता ने कवारग पंचायत के शीचड़ा गांव का दौरा किया।

वैज्ञानिकों के दल ने गांव में जाकर ईशान ठाकुर, संजीव कुमार और ज्ञान सिंह ठाकुर के खेतों का दौरा किया। वैज्ञानिकों ने पाया कि शिमला मिर्च की फसल पर वायरस का प्रकोप था जिससे पौधे सूख रहे थे। यह वायरस तेले की वजह से फैला था। फसल कमजोर थी और कम भी थी। वायरस का प्रकोप 80-90 फीसदी फसल पर था। कई जगह तो पूरी फसल प्रभावित थी। इस अवस्था में फसल को बचाना मुश्किल था। उन्होंने किसानों को सुझाव दिया कि जो भी शिमला मिर्च बची है उसे लेने के बाद पौधों को नष्ट कर दें। यह भी हिदायत दी कि भविष्य में पनीरी किसी पंजीकृत व विश्वसनीय पौधशाला से ही खरीदें और फसल फेरबदल को अपनाएं।

Edited By

Simpy Khanna