फतेहपुर में जातिगत समीकरणों को साधने में जुटे प्रत्याशी

Tuesday, Oct 19, 2021 - 01:02 PM (IST)

फतेहपुर (अजय) : उपचुनाव के दौरान फतेहपुर विधानसभा में कांग्रेस व भाजपा के प्रत्याशी जातिगत समीकरणों को साधने में जुट गए हैं। बताया जा रहा है कि यहां फतेहपुर विधासनभा क्षेत्र में 39000 राजपूत, 20 हजार अनुसूचित जाति व जनजाति तथा 14 हजार ओ.बी.सी. तथा 12 हजार ब्राह्मण मत हैं। ऐसे में जातिगत समीकरणों को साधने के लिए जमा घटाव किया जा रहा है। इस बार फतेहपुर विधानसभा क्षेत्र से दोनों ही बड़ी पार्टियों ने राजपूत कार्ड खेला है। कांग्रेस के भवानी ठाकुर व भाजपा के बलदेव ठाकुर दोनों राजपूत हैं, इसलिए दोनों का इस वोट बैंक पर सीधा प्रभाव है। वहीं डॉ. सुशांत ब्राह्मण हैं और इनका ब्राह्मण वोट पर सीधा प्रभाव है। ऐसे में ओ.बी.सी. व एस.सी./एस.टी. वोट को कैसे साधे, इसके लिए रणनीति बनाई जा रही है। इन समुदायों पर किस तरह से अपने पक्ष में रिझाया जाए इसके लिए प्रत्याशी व उनके समर्थक जुटे हुए हैं। वहीं एक दूसरे खिलाफ मुद्दों के तीर अपने तरकस में रखकर प्रत्याशी चल रहे हैं।

जातीय समीकरणों की बात करें तो यहां हुए चुनाव से देखने को मिलता है कि केवल राजपूतों व ब्राह्मणों को लुभाने के लिए पार्टियां राजपूत चेहरा या ब्राह्मण चेहरा ही उतारती थी। अगर 1978 के बाद कि बात करें तो बिक्रम ठाकुर के बाद से कांग्रेस से सुजान सिंह पठानिया तो भाजपा से डॉ. राजन सुशांत को टिकट दी जाती थी। इस बीच केवल भाजपा की ओर से केवल एक बार जब डॉ. राजन सुशांत लोकसभा से चुने गए थे उस समय बलदेव चौधरी को टिकट दिया गया था और जब डॉ. राजन सुशांत को भाजपा से निष्कासित कर दिया गया तो भाजपा ने एक बार बलदेव ठाकुर तो एक बार कृपाल परमार को टिकट देकर जातीय सहानुभूति हासिल करने की कोशिश की, लेकिन अगर आज की स्थिति की बात करें तो दोनों ही मुख्य दल भाजपा व कांग्रेस ने राजपूत वर्ग के उम्मीदवारों को टिकट दी है। दरअसल दोनों मुख्यदलों ने अपना दांव राजपूत वर्ग पर खेला है लेकिन अब यह देखना है कि क्षेत्र में दूसरे स्थान के वर्ग ब्राह्मण वोटर, अनुसूचित जाति व अन्य पिछड़ा वर्ग के वोटरों को लुभाने के लिए पक्ष व विपक्ष क्या करते हैं यह भी देखने योग्य होगा।
 

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prashant sharma