कैंसर पीड़ित मरीजों को वीरभद्र सरकार ने दी राहत

Sunday, Feb 19, 2017 - 10:33 AM (IST)

शिमला: हिमाचल के एकमात्र कैंसर अस्पताल से अब कैंसर पीड़ित मरीजों को बाहरी राज्यों में इलाज करवाने नहीं जाना पड़ेगा क्योंकि इस अस्पताल में मरीजों के हर प्रकार के कैंसर का इलाज किया जा सकेगा। प्रदेश सरकार द्वारा कैंसर अस्पताल के लिए प्रस्तावित 45 करोड़ रुपए को मशीनरी और एक नए भवन बनाने पर खर्च किया जाएगा। गौर रहे कि 3 साल पहले यह पैसा अस्पताल के लिए प्रस्तावित हो गया था लेकिन नया भवन बनाने को जमीन न मिलने व मशीनें स्थापित करने के लिए लैब न होने के कारण पैसा खर्च नहीं हो पा रहा था। हालांकि अब मुख्यमंत्री ने आश्वासन दिया है कि शीघ्र ही यह पैसा अस्पताल पर खर्च किया जाएगा।


पुराने अस्पताल के साथ ही बनेगा नया भवन
पैसा खर्च न होने का एक और मुख्य कारण यह था कि चंबियाणा में बनने वाले नए कैंसर अस्पताल में ही यह पैसा खर्च होना था लेकिन सरकार के निर्देशों के अनुसार अब पुराने अस्पताल के साथ ही जहां पार्किंग बनी है वहां पर एक नया भवन तैयार किया जाएगा, जिसमें ओ.पी.डी. व लैब खोले जाएंगे। लैब में 13 करोड़ रुपए की लागत से एक लिनियर एक्सलेटर मशीन स्थापित की जाएगी जिसमें मरीजों का इलाज आसानी से  होगा।  


क्या होती है लीनियर एक्सेलेटर मशीन 
इस मशीन की कीमत 13 करोड़ रुपए के आसपास है, जिसमें मरीजों के चैस्ट एक्स-रे, सी.टी. स्कैन, आई.एम.आर.टी व आई.बी.पी. करवाए जाते हैं। इसके अलावा कैंसर के घातक होने वाली बीमारी का भी जल्द से पता लगाया जाता है। यह मशीन 15 एम.बी. की है। यह हाई एनर्जी के लिए भी इस्तेमाल की जाती है। हिमाचल में यह पहली मशीन लगाई जा रही है और जैसे ही यह मशीन स्थापित होगी, उसके बाद टांडा मैडीकल कालेज में भी लगाई जाएगी लेकिन यह मशीन इससे छोटी होगी।


स्टाफ की भी होगी तैनाती 
जैसे ही कैंसर अस्पताल में नया भवन बनकर तैयार होगा तो तुरंत स्टाफ की भी नियुक्ति होगी। इन दिनों स्टाफ की काफी दिक्कत चल रही है, खासकर चतुर्थ श्रेणी कर्मचारियों की कमी है जिनके कारण मरीजों को भी संभालना मुश्किल है।