कोविड-19 के यूके स्ट्रेन को खोजने के लिए चलेगा अभियान, स्वास्थ्य विभाग ने प्रदेश सरकार को भेजा प्रस्ताव

Tuesday, Mar 30, 2021 - 12:59 PM (IST)

ऊना (अमित शर्मा) : जिला में कोविड-19 का कहर लगातार बढ़ता जा रहा है। हालत यह है कि महज 29 दिन के भीतर ऊना जिला में 1002 कोविड-19 संक्रमित सामने आ चुके हैं। एक तरफ जहां पर संक्रमितों की तादाद का लगातार बढ़ना चिंता का विषय बनता जा रहा है। वहीं दूसरी ओर जिला में अभी तक संक्रमित पाए जा चुके लोगों में अब कोविड-19 के यूके स्ट्रेन की खोज के लिए भी अभियान जल्द चलने वाला है। उसके पीछे कारण यह है कि ऊना जिला पंजाब के साथ सटा हुआ है और पंजाब में यूके स्ट्रेन से कई लोग संक्रमित पाए गए है। इसके अलावा जहां अब कंटेनमेंट जोन में सख्ती किये जाने की बात कही गई है। वही संक्रमित पाए जा चुके लोगों की कांटेक्ट ट्रेसिंग भी करीब 20 से 25 लोगों को शामिल करने का फैसला लिया गया है। 

जिला में कोविड-19 के लगातार बढ़ते मामले एक तरफ जहां जिला प्रशासन, स्वास्थ्य विभाग और आम लोगों के लिए चिंता का विषय बनते जा रहे हैं। वहीं दूसरी ओर इन संक्रमित लोगों में ब्रिटेन में सामने आए कोरोना वायरस के नए स्ट्रेन की तलाश के लिए अभियान चलने वाला है। नए स्ट्रेन की तलाश के लिए आरटी-पीसीआर पॉजिटिव पाए जाने वाले लोगों के सैंपल को रेंडमली जांच के लिए दिल्ली भेजने की स्वास्थ्य विभाग द्वारा प्रदेश सरकार को प्रस्ताव भेजा गया है। ताकि संक्रमित पाए जा रहे हैं लोगों में यह जांच की जा सके कि इनमें कोरोना वायरस का नया और घातक स्वरूप तो नहीं पनप रहा। गौरतलब है कि पंजाब में नए स्ट्रेन के कई मामले सामने आये है और ऊना जिला पंजाब के साथ सटा हुआ है जिसके चलते पंजाब के लोगों का जिला में आवागमन रहता है। जिला में कोविड-19 की रफ्तार इस कदर बढ़ चुकी है कि महज 29 दिनों में नए 1002 संक्रमित मरीज सामने आ चुके हैं।

वायरस की रोकथाम के लिए जहां प्रशासन द्वारा पाबंदियां लागू की जा रही है वहीं अब दोबारा से कंटेनमेंट जोन में भी सख्ती बरतने के संकेत दिए गए हैं। जिसके तहत ग्राम पंचायत और स्थानीय निकाय के जनप्रतिनिधियों के साथ साथ आशा वर्कर और आंगनबाड़ी वर्कर्स को संयुक्त रूप से जिम्मा सौंपा गया है। प्रशासन यह सुनिश्चित करना चाहता है कि कंटेनमेंट जोन में किसी भी प्रकार से ढिलाई न बरती जाए। कंटेनमेंट जोन में रह रहा संक्रमित या उसके कांटेक्ट में आए लोग अन्य लोगों के संपर्क में किसी भी सूरत में ना आने पाए। इतना ही नहीं कोरोना वायरस की रोकथाम के लिए अब संक्रमित पाए जा रहे हर व्यक्ति की कांटेक्ट ट्रेसिंग में 20 से लेकर 25 तक लोगों को शामिल करके सैंपलिंग की जा रही। ताकि बिगड़ती परिस्थितियों में कोरोना वायरस के एक्टिव केस को जल्द से जल्द सामने लाकर संक्रमण की रफ्तार को धीमा किया जा सके।
 

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prashant sharma