पैर कटने पर सहायता देने की बजाय दिखा दिया उद्योग से बाहर का रास्ता

Saturday, Jun 08, 2019 - 10:15 AM (IST)

मानपुरा : बद्दी के पास काठा के एक केबल बनाने वाले उद्योग में कामगार का पैर मशीन में आने से कटने के बाद उद्योग प्रबंधन द्वारा उसे सहायता देना तो दूर, उलटा उद्योग से बाहर का रास्ता दिखा दिया। यही नहीं, उद्योग में कार्यरत ठेकेदार ने कामगार से प्लास्टिक का पैर बनवाने के लिए 80 हजार रुपए ले लिए और दोबारा उसकी सुध नहीं ली। मुख्यमंत्री को भेजी शिकायत में नदीम पुत्र कल्लू राम निवासी ओरंगाबाद जिला बदायूं यू.पी. ने बताया कि वह पिछले अढ़ाई वर्ष से काठा के एक केबल उद्योग में काम कर रहा था। 9 मार्च, 2019 को उद्योग में काम के दौरान बाईं टांग मशीन में आने से कट गई।

हैरानी की बात है कि उक्त कामगार को उद्योग द्वारा पी.एफ. व ई.एस.आई. की सुविधा भी नहीं दी जा रही थी। अगर उक्त कामगार ई.एस.आई.सी. में पंजीकृत करवाया होता तो वह विभाग से पैंशन की सुविधा तो ले सकता था। टांग कटने के बाद उद्योग प्रबंधन द्वारा उक्त कामगार को एक लाख रुपए का चैक दिया गया था, परन्तु उद्योग में कार्यरत ठेकेदार ने कामगार को प्लास्टिक का पैर बनवाने के लिए 3 मई को 80 हजार रुपए लिए, जोकि उसने सैंट्रल बैंक ऑफ इंडिया के खाते से निकाले थे। इसके बाद ठेकेदार वापस नहीं आया।

शुक्रवार को भारतीय मजदूर संघ का प्रतिनिधिमंडल भामसं के कार्यकारी प्रदेशाध्यक्ष मेला राम की अध्यक्षता में श्रम निरीक्षक से मिला तथा उक्त मजदूर को उद्योग में नौकरी दिलवाने और उसका पैसा वापस दिलवाने की मांग की। यही नहीं, उन्होंने उद्योग प्रबंधन के खिलाफ कामगारों को ई.एस.आई. व पी.एफ. की सुविधा न देने पर कार्रवाई की भी मांग की। उन्होंने कहा कि अगर उनकी मांग नहीं मानी गई तो भारतीय मजदूर संघ के प्रतिनिधि उक्त मजदूर के साथ उद्योग के गेट पर भूख हड़ताल पर बैठेंगे। श्रम निरीक्षक कमल सिंह ने बताया कि शिकायत के बाद उद्योग प्रबंधन को 13 मई को बुलाया गया है। जल्द ही उक्त कामगार को न्याय दिलाया जाएगा।
 

kirti