NGT के आदेशों को चुनौती का फैसला लेगा मंत्रिमंडल

Saturday, Dec 30, 2017 - 10:08 AM (IST)

शिमला: सुप्रीम कोर्ट में नैशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल के आदेशों को चुनौती देने का फैसला मंत्रिमंडल लेगा। सूबे के कानून मंत्री सुरेश भारद्वाज ने बताया कि इसे लेकर मंत्रिमंडल की बैठक में चर्चा की जाएगी। फिलहाल एन.जी.टी. के आदेशों के कारण सैंकड़ों अवैध भवन मालिकों पर कार्रवाई की तलवार लटकी हुई है क्योंकि एन.जी.टी. ने अवैध निर्माण और डेविएशन करके बनाए गए मकान को तोड़ने के निर्देश दे रखे हैं। हिमाचल हाईकोर्ट ने भी राज्य सरकार के टी.सी.पी. संशोधन विधेयक को निरस्त करके अवैध भवन मालिकों को झटका दिया है। उल्लेखनीय है कि एन.जी.टी. ने बीते 16 नवंबर को कोर एरिया में अढ़ाई मंजिल और प्लानिंग एरिया में साढ़े 4 मंजिल तक निर्माणके आदेश दिए थे। इन आदेशों में एन.जी.टी. ने कहा है कि जिनके मकान रैगुलर नहीं होते उनके अवैध निर्माण या डेविएशन को गिरा दिया जाए। 


इन आदेशों के बाद अवैध भवन मालिकों में हड़कंप मचा हुआ है। प्रदेश में 30,000 से ज्यादा और अकेले शिमला शहर में 10,000 मकान अवैध बताए जा रहे हैं। यदि सरकार इन आदेशों के खिलाफ एन.जी.टी. में पुनर्विचार याचिका या फिर सुप्रीम कोर्ट में अपील नहीं करती है तो आने वाले दिनों में एन.जी.टी. के आदेशों की अनुपालना करनी होगी। यदि ऐसा हुआ तो सैंकड़ों मकानों पर हथौड़ा चलेगा, वहीं उपनगरीय जनकल्याण समिति के समन्वयक गोविंद चितरांटा ने नई सरकार से एन.जी.टी. के आदेशों के खिलाफ पुनर्विचार याचिका या अपील करने की मांग की है, साथ ही भविष्य में जहां है-जैसा है के आधार पर वन टाइम सैटलमैंट पॉलिसी लाए जाने की मांग की है।


कमेटी ने सरकार को सौंप रखी है रिपोर्ट
पूर्व वीरभद्र सरकार ने एन.जी.टी. के आदेश एग्जामिन करने के लिए विधि सचिव की अध्यक्षता में 4 सदस्यीय कमेटी गठित की थी। कमेटी ने विधि विभाग की राय के बाद सरकार को अपनी रिपोर्ट सौंप रखी है। इस कमेटी ने एन.जी.टी. के आदेशों पर कई बिंदुओं पर सख्त टिप्पणी की है। कमेटी ने कुछ बिंदुओं पर एन.जी.टी. के आदेश कानून के खिलाफ बताए हैं लेकिन प्रदेश में लंबे समय से चुनाव के कारण अब तक सरकार कमेटी की इस रिपोर्ट पर एक्शन नहीं ले पाई, वहीं वीरभद्र सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में चुनौती देने के मकसद से एन.जी.टी. के आदेश एग्जामिन करवाए थे।