बस हादसा : चालक मान लेता बात तो नहीं जाती 10 यात्रियों की जानें

Friday, Jun 16, 2017 - 01:38 AM (IST)

देहरागोपीपुर/कांगड़ा: वीरवार को देहरा उपमंडल का कस्बा ढलियारा साथ लगते तीखे मोड़ पर हुई दर्दनाक दुर्घटना में 10 लोगों की मौत से कलंकित हो गया। मां चिन्तपूर्णी के दरबार में अपने परिवार की सुख-समृद्धि की कामना करने वाले अमृतसर के ये श्रद्धालु कुछ ही देर बाद दुर्घटना के शिकार हो गए। बुधवार को ये श्रद्धालु अपने घर अमृतसर से बड़े हर्ष एवं उल्लास के साथ देवभूमि हिमाचल की 2 प्रमुख देवियों माता चिंतपूर्णी एवं ज्वालाजी के दर्शनों के लिए निकले थे। उन्हें क्या मालूम था कि खुशी के माहौल में उनके द्वारा की जाने वाली यात्रा जीवन की सबसे मुसीबतों वाली यात्रा सिद्ध होगी।   

यह थी हादसे की प्रमुख वजह
बस हादसे की प्रमुख वजह ओवरस्पीड तथा ड्राइवर को पहाड़ी क्षेत्रों में गाड़ी चलाने का ज्ञान न होना बताया जा रहा है। जानकारी के अनुसार बस बुधवार रात्रि से हादसे वाले समय तक लगातार चल रही थी, जिस कारण यह हादसे का कारण माना जा रहा है। यात्रा में शामिल अभागे मां-बेटे स्वर्ण कौर एवं शिव कुमार की एक साथ मौत ने प्रत्यक्षदर्शियों को रोने पर मजबूर कर दिया। 52 सीटर इस बस में 38 पुरुष 19 औरतें एवं 23 बच्चों सहित 80 यात्री बैठे हुए थे। 

2 बार पहले भी दुर्घटना से बची थी बस
इस हादसे में घायल हुए राम निवासी हरिपुरा, परवीन एवं चरणजीत सिंह निवासी प्रेमनगर के अनुसार चालक बस को तेज गति से चला रहा था। जहां पर हादसा हुआ उससे पीछे 2 मोड़ों पर भी हादसा होने से बाल-बाल बचा था। एक बार बस पेड़ से टकराने से बची तो एक बार कार के साथ। इन घायल श्रद्धालुओं के अनुसार बस में बैठे यात्रियों ने बस चालक को बार-बार बस धीरे चलाने का आग्रह किया लेकिन बस चालक ने पहाड़ी इलाके में आते रहने की बात कहकर किसी की भी नहीं सुनी। यदि बस चालक उनकी बात मान लेता तो शायद 10 लोगों की जानें न जातीं।