कट एंड पेस्ट तक बजट, जमीन पर नहीं उतरे पहले 2 बजट: राणा

Wednesday, Mar 11, 2020 - 04:55 PM (IST)

हमीरपुर (ब्यूरो) : जयराम सरकार के वर्ष 2020-21 के बजट अभिभाषण पर विधानसभा में चर्चा करते हुए सुजानपुर के विधायक राजेंद्र राणा ने तंज कसते हुए कहा कि यह कहना गलत है कि तुम पर नजर नहीं, हम मसरूफ जरूर हैं पर बेखबर नहीं। उन्होंने कहा कि बजट में केवल कट एंड पेस्ट का काम बखूबी किया है। पहले 2 बजट अब तक जमीन पर नहीं उतरे हैं। अब पुरानी योजनाओं को नया नाम देकर काम चलाया जा रहा है। 

उन्होंने हैरानी जताई कि प्रदेश सरकार हिमाचल के पूर्ण राज्य का दर्जा इस बार स्वर्ण जयंती के रूप में मनाने जा रही है। लेकिन पूर्ण राज्य का दर्जा देने वाली देश की प्रथम महिला प्रधानमंत्री स्वर्गीय इंदिरा गांधी व कांग्रेस पार्टी का धन्यवाद तक नहीं कर पाई। बजट के दौरान महिलाओं व बेरोजगारों पर सरकार ने कोई चर्चा नहीं की, तो कर्मचारियों से किए वादों को याद तक नहीं किया। भूलभूलैये के इस बजट में मंडी जिला के प्रस्तावित एयरपोर्ट के लिए 1 हजार 13 करोड़ रूपए हिमाचल के खाते से देने की बात जरूर कही, जबकि रेल लाइन व एयरपोर्ट का निर्माण करवाना केंद्र सरकार का दायित्व है। वैसे भी प्रदेश सरकार कर्ज लेकर चलाई जा रही है। लगता है कि डबल इंजन की सरकार हांफ गई है। 

उन्होंने चिंता जाहिर करते हुए कहा कि चुनावी दृष्टि पत्र पर सवा 2 साल में सरकार की नजर नहीं पड़ी है तथा जमीन पर कोई वादा नहीं उतार पाई है। प्रदेश सरकार ढींकें हांक रही है कि प्रदेश की विकास दर इस साल 56 प्रतिशत होने की उम्मीद है जबकि देश की विकास दर साढ़े 4 प्रतिशत से ऊपर चढ़ नहीं पा रही है जोकि पड़ोसी मुल्कों से भी कम है। उन्होंने कहा कि देश की आर्थिकी बुरे दौर से गुजर रही है। जाली करंसी का कारोबार थम नहीं रहा है। जनता का पैसा बैंकों में डूब रहा है और उद्योग फेल हो चुके हैं। केवल 4-5 ओद्यौगिक घराने ही सरकार की छत्रछाया में पल रहे हैं। 

उन्होंने कहा कि महंगाई में आम आदमी पिसने को मजबूर है तो किसानों को मासिक 500 रूपए देकर उनकी आमदनी दोगुनी करने के सपने दिखाए जा रहे हैं। लोगों को फ्री में रसोई गैस सिलेंडर देने की बातें की जा रही है जबकि हकीकत यह है कि तब तक लोगों को सबसिडी का लाभ नहीं मिल रहा है जब तक फ्री दिए जा रहे गैस सिलैंडर के पैसे वसूल नहीं हो पा रहे हैं। उन्होंने कहा कि स्मार्ट सिटी का सपना कागजों में ही सिमटकर रह गया है। हमीरपुर सहित अन्य जिलों से विकास गायब हो गया है तथा मंडी जिला व सिराज विस क्षेत्र में ही विकास दिख रहा है। उन्होंने कहा कि सीआरएफ के पैसे का सही इस्तेमाल नहीं किया जा रहा है जबकि सड़कों की हालत खराब हो चुकी है। वर्ष 2017 में केंद्र से मिले 69 नेशनल हाइवे ही चर्चा से लुप्त हो गए हैं। सीएमओ के माध्यम से 128 करोड़ रूपए की दवाइयां खरीदने का औचित्य ही समझ नहीं आ रहा है। चर्चा के अंत में सरकार की ओर इशारा करते हुए उन्होंने कहा कि नए किरदार आते जा रहे हैं, मगर नाटक पुराना चल रहा है। लहरों को शांत देखकर यह मत समझना, समुद्र में रवानी नहीं है। जब भी उठेंगे तूफान बनकर उठेंगे, बस अभी उठने की सोची नहीं है।
 

kirti