बचपन से देखा सपना हुआ सच, BSF में MO बना हिमाचल का रोहित

Monday, Dec 31, 2018 - 02:32 PM (IST)

संतोषगढ़ (मनीश): जब आप खुली आंखों से सपने देखते हैं तो आप उसे पूरा करने में जुट जाते हैं। ऐसा ही ऊना जिला के नगर परिषद संतोषगढ़ के डा. रोहित वर्मी ने अपने बचपन के सपने को कुछ ऐसे सच कर दिखाया है। रोहित सीमा सुरक्षा बल (बी.एस.एफ.) में कमीशन प्राप्त करके असिस्टैंट कमांडैंट (एम.ओ.) बने हैं। नगर के प्रतिष्ठित डा. सुदर्शन वर्मी और महिला चिकित्सक अमृत वर्मी के घर 13 नवम्बर, 1990 को जन्मे उनके पुत्र रोहित वर्मी ने संतोषगढ़ नगर सहित जिला ऊना और हिमाचल का नाम रोशन किया है।

असिस्टैंट कमांडैंट (एम.ओ.) रोहित वर्मी के पिता सुदर्शन वर्मी ने बताया कि उनके परिवार में यह तीसरी पीढ़ी है जिसे बी.एस.एफ. में जाकर देश सेवा करने का सौभाग्य प्राप्त हुआ है। उनका बेटा रोहित वर्मी बचपन से ही सीमा सुरक्षा बल में जाकर देश की सेवा करने का सपना देखा करता था क्योंकि उनके परिवार में रोहित के दादा रामलाल सीमा सुरक्षा बल में बतौर इंस्ट्रक्टर सेवानिवृत्त हुए हैं तथा रोहित के ताया राम कुमार डिप्टी कमांडैंट के पद से सेवानिवृत्त हुए हैं जिन्हें बहादुरी के लिए राष्ट्रपति पुलिस मैडल प्रदान किया गया था। रोहित ने 8वीं कक्षा तक की शिक्षा शिवालिक मॉडल स्कूल नया नंगल से प्राप्त की। इसके बाद डी.ए.वी. पब्लिक स्कूल ऊना से 12वीं कक्षा उत्तीर्ण करने के उपरांत रोहित ने 2015 में यूक्रेन से एम.बी.बी.एस. की डिग्री पूर्ण की।

इसके बाद 2016 में भारत आकर रोहित ने एम.सी.आई. का टैस्ट पहली बार ही उत्तीर्ण करके चंडीगढ़ के सैक्टर 16 के अस्पताल से प्रशिक्षण प्राप्त किया। इसके बाद मैक्स अस्पताल मोहाली में सेवाएं देते हुए दिसम्बर 2017 में रोहित का सीमा सुरक्षा बल में चयन हो गया और वहां प्रशिक्षण प्राप्त करने के बाद अब 29 दिसम्बर 2018 को रोहित वर्मी सीमा सुरक्षा बल (बी.एस.एफ.) में कमीशन प्राप्त करके असिस्टैंट कमांडैंट (एम.ओ.) का पद हासिल करते हुए देश की सेवा करेंगे। इस अवसर पर रोहित का कहना है कि बचपन से ही उनके मन में सीमा सुरक्षा बल में जाकर देश की सेवा करने का सपना था जो अब पूरा हुआ है और अब वह दिन-रात एक करते हुए देश सेवा करेंगे।





 

Ekta