BRO ने बहाल किया शिंकुला दर्रा, सेना को सरहद व कारगिल पहुंचना हुआ आसान

Saturday, Jun 20, 2020 - 11:23 PM (IST)

मनाली (सोनू): सीमा सड़क संगठन ने शिंकुला दर्रे को बहाल कर लेह-लद्दाख की कारगिल व जांस्कर घाटी को मनाली से जोड़ दिया है। मनाली-सरचू-लेह मार्ग में वाहनों की आवाजाही सुचारू है जबकि दारचा-पदम-जांस्कर सड़क बहाल होने से मनाली से कारगिल की दूरी 215 किलोमीटर कम हो गई है। भारतीय सेना के लिए सरहद में पहुंचना अब और आसान होगा। आपात स्थिति में यह मार्ग सबसे सुरक्षित है। इस मार्ग की दूरी कम होने से समय भी कम लगेगा।

पहले कारगिल पहुंचने के लिए मनाली से सरचू, लेह व कारगिल तक 885 किलोमीटर की दूरी तय करनी पड़ती थी। अब शिंकुला से जांस्कर घाटी होते हुए कारगिल की दूरी 670 किलोमीटर रह गई है। जांस्कर घाटी के लोगों को पहले कारगिल, लेह व सरचू होते हुए 4 दिन का सफर करना पड़ता था अब ङ्क्षशकुला दर्रा के बहाल होते ही एक दिन के भीतर जांस्कर घाटी से मनाली पहुंच सकेंगे। जम्मू से वाया किश्तवाड़ भी बीआरओ ने तांदी-संसारी मार्ग होते हुए जम्मू को मनाली-लेह मार्ग से भी जोड़ दिया है।

बीआरओ की मानें तो अब उनका अगला लक्ष्य जांस्कर घाटी के पदुम कोनिमो होते हुए लेह से जोडऩा है। रोहतांग सुरंग परियोजना के बीआरओ के चीफ  इंजीनियर ब्रिगेडियर केपी पुरसोथमन ने बताया कि बीआरओ की अटल रोहतांग सुरंग परियोजना का कार्य भी अंतिम चरण में है। बीआरओ ने पहले ही कार्य युद्धस्तर पर शुरू किया है लेकिन बढ़ते सीमा विवाद को देखते हुए दिन-रात कार्य शुरू किया गया है। सुरंग के अंदर मैटलिंग का कार्य अंतिम चरण में चल रहा है। कोरोना महामारी के चलते मार्च में अटल रोहतांग सुरंग का कार्य धीमा हुआ था।

Vijay