नाले में आई बाढ़ से बहा अस्थायी पुल, 5 कि.मी. पैदल चलकर घर पहुंच रहे लोग

Thursday, Jul 27, 2017 - 10:18 PM (IST)

मनाली: बुधवार को बादल फटने से सोलंगनाला के धुंधी नाले में आई बाढ़ में गोशाल गांव का अस्थायी पुल भी बह गया है। पुल के बह जाने से ग्रामीणों को 5 कि.मी. लंबा सफर तय कर घर पहुंचना पड़ रहा है। हालांकि इसी प्वाइंट पर झूला भी लगाया गया है लेकिन उसके सही ढंग से काम न करने के कारण वह भी ग्रामीणों के लिए सरदर्द बन गया है। बादल फटने से आई बाढ़ से हालांकि जानी नुक्सान नहीं हुआ है लेकिन बी.आर.ओ. की सड़क क्षतिग्रस्त हुई है, साथ ही गोशाल का अस्थायी पुल बह गया है। शनाग निवासी दीना नाथ ने बताया कि अस्थायी पुल के बह जाने से गोशाल के ग्रामीणों की दिक्कतें बढ़ी हैं। ग्रामीणों को 5 कि.मी. लंबा सफर तय कर बाया नेहरकुंड होकर घर पहुंचना पड़ रहा है। ग्रामीण मेहर चंद ने बताया कि गांव के लोग हर साल इस समस्या का सामना करते हैं। हर बार नया अस्थायी पुल बनाते हैं और बरसात में पुल ब्यास की भेंट चढ़ जाता है।

इंजन से चलाने वाला झूला पुल भी फांक रहा धूल 
ग्राम पंचायत शनाग के प्रधान प्रताप ठाकुर और बी.डी.सी. सदस्य ने बताया कि ब्यास में आई बाढ़ के कारण गोशाल का अस्थायी पुल बह गया है। उन्होंने कहा कि झूला भी सही हालत में नहीं है जबकि इंजन से चलाने वाला झूला पुल भी धूल फांक रहा है। एस.डी.एम. मनाली हेमराज बैरवा ने बताया कि राजस्व विभाग से नुक्सान की रिपोर्ट मांगी गई है। अस्थायी पुल के निर्माण को प्रशासन गंभीर है। शीघ्र ही ग्रामीणों के लिए अस्थायी पुल बनवा दिया जाएगा। उन्होंने कहा कि इंजन से चलने वाले झूला पुल की उन्हें जानकारी नहीं है। अगर ऐसा है तो प्रशासन इस बारे भी गौर करेगा। 

सरकार की अनदेखी का शिकार हुआ झूला पुल : गोविंद ठाकुर
मनाली के विधायक गोविंद ठाकुर ने कहा कि भाजपा सरकार ने 6 साल पहले गोशाल के ग्रामीणों की समस्या को देखते हुए इंजन से चलने वाला झूृला लगाया था। कांग्रेस सरकार की अनदेखी के चलते वह झूला आज धूल फांक रहा है। सरकार और प्रशासन की अनदेखी तथा लापरवाही ग्रामीणों पर भारी पड़ गई है। सोलंग का अस्थायी पुल भी डेढ़ सप्ताह पहले बह गया था प्रशासन अभी तक उस समस्या का कोई हल नहीं निकाल पाया है। भाजपा के सत्ता में आते ही ग्रामीणों की इन समस्याओं को प्राथमिकता में दूर किया जाएगा।