रिश्वत कांड में CBI का बड़ा खुलासा, CM के निजी सचिव को देने थे 5 लाख

Wednesday, May 31, 2017 - 04:55 PM (IST)

शिमला: सीबीआई के जाल में फंसे हिमाचल के बद्दी स्थित उद्योग विभाग के ‌कार्यालय में तैनात जाइंट डायरेक्टर तिलकराज पर बड़ा खुलासा हुआ है। सीबीआई के अनुसार रिश्वत की डील के दौरान शिकायतकर्ता और आरोपी की रिकॉर्ड बातचीत से खुलासा हुआ है कि संयुक्त निदेशक (तिलकराज) को दिल्ली के एक वकील तक बतौर फीस के 35 लाख रुपए पहुंचाने थे, जो हिमाचल के एक बड़े राजनेता का केस लड़ रहा है। उसने इसके लिए उस नेता के पीएस रघुवंशी का फोन आने की बात भी कही थी। उसने कहा कि वह इसके लिए चाहे उसकी बात भी करा दे। सीबीआई की प्रारंभिक जांच में इस मामले के तार हिमाचल के मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह कार्यालय से जुड़ते दिख रहे हैं। सीबीआई के मुताबिक रिकार्डिंग में तिलकराज ने शिकायतकर्ता से कहा था कि पहली किश्त के 5 लाख रुपए मुख्यमंत्री के दिल्ली कार्यालय में तैनात निजी सचिव पीएस रघुवंशी को दिए जाने थे।


सीबीआई ने कैसे की प्लानिंग 
सीबीआई ने पूरी प्लानिंग के चलते तिलकराज को रंगे हाथ पकड़ा था। एजेंसी ने ट्रैप से पहले शिकायतकर्ता को डील फाइनल करने के बहाने अधिकारी और बिचौलिए का काम कर रहे उद्योगपति अशोक राणा के पास भेजा। 27 मई को उन्होंने डिजिटल वाइस रिकॉर्डर और स्पाई वीडियो कैमरे के साथ उसको चंडीगढ़ स्थित एक हेयर सैलून में दोनों से मिलने भेजा। तीनों के बीच हुई रिकार्डिंग को सुनने के बाद 29 मई को तिलकराज और 30 मई को अशोक राणा को गिरफ्तार किया गया।  


डायरेक्टर तिलकराज ने दी थी धमकी 
खास बात यह है कि आरोपी संयुक्त निदेशक तिलकराज शर्मा ने पीड़ित चंद्रशेखर से कहा था कि पहली किश्त के 5 लाख रुपए मुख्यमंत्री के दिल्ली कार्यालय में तैनात निजी सचिव पीएस रघुवंशी को जाएंगे। हालांकि, चंद्रशेखर ने जब रकम ज्यादा होने की बात कहते हुए मना करने की कोशिश की तो तिलकराज ने घूस न देने पर उसे धमकी तक दी थी। वहीं अब मुख्यमंत्री के दिल्ली स्थित कार्यालय में तैनात कर्मचारी का जांच में नाम सामने आने के बाद एक बार फिर वह चर्चा में आ गए हैं।