Watch Video: यहां 662 परिवार BPL से बाहर, शर्म के मारे 22 लोग खुद हटे

Sunday, Dec 11, 2016 - 12:43 PM (IST)

मंडी (नीरज शर्मा): इस बात में कोई दो राय नहीं कि जो योजना सरकार दबे कुचले वर्ग के लिए बनाती है उसका लाभ कोई और ही ले जाता है। गरीब परिवारों को समाज की मुख्य धारा में लाने के लिए सरकार ने बी.पी.एल. योजना चला रखी है। लेकिन इस योजना का भी रसूखदार सरेआम लाभ उठाकर गरीबों का हक डकारने पर तुले हुए थे। उल्लेखनीय है कि राज्य सरकार ने सभी बी.पी.एल. परिवारों के घरों के बाहर बी.पी.एल. होने का एक बोर्ड लगाने का निर्णय लिया है और सरकार की इस मुहीम से ही अपात्र परिवारों का खुलासा भी हुआ था।


662 परिवार बीपीएल से बाहर  
प्रशासन ने इस संदर्भ में ऐसे सभी अपात्र बी.पी.एल. परिवारों की जांच पड़ताल शुरू कर दी थी। उसका नतीजा यह निकला कि प्रशासन जिला भर से अब तक 662 अपात्र बीपीएल परिवारों को इस श्रेणी से बाहर करने में कामयाब हुआ है और 22 परिवारों ने खुद ही अपना नाम इस श्रेणी से कटवा लिया है। जबकि 506 ऐसे नए परिवार भी हैं जिन्हें अब बी.पी.एल. की श्रेणी में शामिल किया गया है। जबकि वर्षों तक इनका हक कोई और ही डकार रहा था। डी.सी. मंडी संदीप कदम ने इसकी पुष्टि की है। मंडी जिला में बी.पी.एल. परिवारों की संख्या 40620 है जिसमें से 31182 परिवारों के घरों के बाहर बी.पी.एल. का बोर्ड लग चुका है। बाकी परिवारों के घरों पर भी बोर्ड लगाने की प्रक्रिया जारी है।


डी.सी. ने बाकी बचे बीपीएल परिवारों से बाहर आने की मांग
डी.सी. मंडी संदीप कदम ने बाकी बचे हुए बी.पी.एल. के अपात्र परिवारों से भी आह्वान किया है कि वह अपने आप ही इस श्रेणी से बाहर आ जाएं अन्यथा प्रशासन को कार्रवाही करते हुए इन्हें बाहर करना पड़ेगा। हैरत इस बात को जानकर है कि लोग किसी पात्र परिवार का हक डकारने में कोई कसर नहीं छोड़ते। अभी भी प्रदेश में कई ऐसे रसूखदार परिवार हैं जो गरीबों को मिलने वाली सुविधाओं पर डाका डाल रहे हैं। ऐसे परिवारों को यह सोचना होगा कि उन्होंने इतने वर्षों तक शासन और प्रशासन को अंधेरे में रखकर एक गरीब के नाम पर फरेब किया है।