यहां 5 सालों से BPL परिवारों के नहीं बने आवास, जानिए क्या है हकीकत

Monday, Nov 13, 2017 - 09:54 AM (IST)

शिमला : राजीव गांधी आवास योजना (रै प्रोजैक्ट) के तहत कृष्णानगर में पायलट प्रोजैक्ट के तौर पर बी.पी.एल. परिवारों के लिए आवास बनाए जाने थे, जो पिछले 5 सालों से नहीं बन पाए हैं जबकि ये प्रोजैक्ट दिसम्बर, 2017 में खत्म होने वाला है। नगर निगम पिछले 5 सालों से इस पायलट प्रोजैक्ट को अमलीजामा नहीं पहना पाया है। निगम महज कागजों में ही इस योजना पर काम कर रहा है जमीनी हकीकत ये है कि अभी तक आवासों का सही तरीके से निर्माण कार्य तक पूरा नहीं हो पाया है हालांकि प्रशासन जल्द निर्माण कार्य पूरा करने का दावा कर रहा है, वहीं नगर निगम के बजट में हर बार इसे शामिल किया जाता रहा है लेकिन हकीकत यह है कि अब तक इस प्रोजैक्ट को निगम सही तरीके से शुरू नहीं कर पाया है, ऐसे में गरीबों को पिछले 5 सालों से आवास नहीं मिल पाएं हैं। इस प्रोजैैक्ट के तहत कृष्णानगर को स्लम फ्री बनाने के लिए गरीबों के लिए 300 मकान बनाए जाने थे आवासों के लिए निगम ने 224 पात्र लोगों का चयन किया था लेकिन इनको आवास आज तक नहीं मिल पाए हैं।

केन्द्र से मिले हैं प्रोजैक्ट के लिए 10 करोड़
प्रोजैक्ट के तहत यहां पर 300 आवास बनाए जाने हैं। इसके लिए केन्द्र सरकार से 10 करोड़ रुपए मिले हैं। यदि नगर निगम इस राशि को दिसम्बर 2017 तक खर्च नहीं करता है तो अगली ग्रांट रुक जाएगी, वहीं आवासों की मौजूदा स्थिति यह है कि कृष्णानगर में आवास निर्माण के लिए चयनित साइट को अप्रोच रोड निकाल लिया गया है और जगह भी समतल की जा चुकी है, इसमें से कुछेक आवासों का निर्माण कार्य ही शुरू किया गया है।

स्लम फ्री बनाने की थी योजना
इस प्रोजैक्ट के माध्मय से शिमला को स्लम फ्री बनाने की योजना थी। ये प्रोजैक्ट वर्ष 2012 से लटका हुआ है। निगम ने पायलट प्रोजैक्ट के तौर पर इसे कृष्णानगर में शुरू किया था इसके बाद इसे रूल्लदुभट्टा में शुरू करने की योजना थी ताकि शहर की बस्तियों में रहने वालों को पक्का घर मिल सके और शिमला को स्लम फ्री बनाया जा सके।