हादसे ने छीन लिए दोनों हाथ, फिर भी बुलंद है नन्हे साहिल का हौसला

Monday, Apr 24, 2017 - 01:15 AM (IST)

ऊना: दोनों बाजू हादसे में गंवाने के बावजूद 10 वर्षीय साहिल अपनी शिक्षा को हर हाल में जारी रखना चाहता है। भले ही वह दर्दनाक और भयानक हादसे का शिकार हुआ है बावजूद इसके हौसले से वह हर बाधा को दूर करना चाहता है। मूलत: यू.पी. के सहारनपुर से संबंधित गंगा राम का पुत्र साहिल 30 नवम्बर, 2016 को उस समय हादसे का शिकार हुआ जब सभी बच्चे मिलकर खेल रहे थे। इस दौरान उनकी बॉल ऊपर फंस गई जिसे निकालने के चक्कर में वह बिजली की तारों के करंट की चपेट में आकर बुरी तरह घायल हो गया। इसके बाद उसे पी.जी.आई. ले जाया गया। 

पैरों के जरिए सीख रहा लिखना
2 महीने पी.जी.आई. में उपचाराधीन रहने के बाद जब उसे छुट्टी मिली तो इस नन्हे साहिल की दोनों बाजू हमेशा के लिए उसे छोड़ चुकी थीं। परिवार के लिए यह संकट इसलिए भी बड़ा है क्योंकि गंगा राम दिहाड़ी-मजदूरी करता है और साहिल उसका बड़ा बेटा है। परिवार के समक्ष दर्द गहरा है। होनहार बच्चे के दोनों बाजू कट चुके हैं। सैंसोवाल के प्राइमरी स्कूल में पढऩे वाले इस बच्चे की हिम्मत यह है कि वह अब पैरों के जरिए लिखना सीख रहा है ताकि आगे की पढ़ाई जारी रख सके। संघर्षमय जीवन में जीने की कला उसको आ सके।

अभी तक नहीं मिली सरकारी सहायता
गंगा राम कहते हैं कि उसे अभी तक किसी प्रकार की सरकारी सहायता भी नहीं मिली है। सैंसावाल के स्थानीय एडवोकेट एवं श्री गुरु रविदास महासभा के अध्यक्ष नरेश कुमार ने बच्चे के उपचार में काफी मदद की है। वही उसे आगे भी सरकारी सहायता दिलवाने के लिए अभियान छेड़े हुए हैं। श्री गुरु रविदास महासभा ने इस बच्चे और उसके पिता गंगा राम को अपने कार्यक्रम में बुलाया तथा उसका दर्द सभी के सामने रखा। सभा इसे हर हाल में आर्थिक मदद के साथ-साथ उसे वह सब सहायता देने की गुहार लगा रही है ताकि इसका जीवन यापन सही ढंग से हो सके।