सरहद पर देश की रक्षा करने वाले जवान ने पेश की मिसाल, तेजाब से जली मंगेतर का थामा हाथ

Friday, Dec 08, 2017 - 11:55 AM (IST)

कांगड़ा: कहते हैं प्यार हर जख्म भर देता है यह सुना तो था। लेकिन कुछ ऐसा ही कांगड़ा जिला में जफां और जाकिर ने कर दिखाया है। सरहद पर देश की रक्षा करने के लिए पूरे जज्बे के साथ डटे रहने वाले कांगड़ा के खुंडियां के इस जवान ने समाज के लिए भी एक मिसाल पेश की है। खास बात यह है कि जफां (शालू) का तेजाब हमले में चेहरे झुलसने के बाद भी उसके मंगेतर ने उससे शादी कर ली। 


चचेरी बहनों ने फेंका था चेजाब
जानकारी के मुताबिक पहले 6 नवंबर को दोनों की शादी होनी थी। लेकिन 26 अक्तूबर को लंज के चकवन डूहकी में दो चचेरी बहनों ने पीने के पानी के लिए अपने ही चाचा की लड़की जफां पर तेजाब फेंक दिया था। इस हमले में शालू काफी गंभीर हो गईं। वहीं चीन बॉर्डर पर सेवाएं दे रहे जफां के मंगेतर जाकिर घर छुट्टी पर आए थे। जब उसको इस घटना का पा चला तो वह जफां का इलाज करवाने के लिए टांडा मेडिकल कॉलेज ले गया। जहां वह कांगड़ा से लेकर आईजीएमसी और पीजीआई तक अपनी मंगेतर की देखरेख करता रहा। इस दौरान हमले के सिलसिले में फिलहाल शालू की दोनों चचेरी बहनें और सगी ताई पुलिस हिरासत में हैं।  


चीन बॉर्डर पर तैनात है जफां का मंगेतर
शालू का पति जाकिर चीन बॉर्डर पर तैनात है। जाकिर ने शालू पर हुए इस हमले में कहा कि अगर निकाह के बाद तेजाब वाली घटना होती तो क्या वह अपनी पत्नी का इलाज नहीं करवाता। उसने कहा कि निकाह ही दो दिलों का बंधन होता है। इलाज के दौरान वह अपनी पत्नी के साथ ही हर पल रहा। वहीं शालू के पिता मुन्शीद्दीन ने बताया कि जाकिर ने किसी की परवाह किए बिना उनकी बेटी का साथ दिया। उसने इस हमले के बाद भी शालू से निकाह करने की बात कही, जिसे हम भी नाकार नहीं सके। दोनों का निकाह बड़ी सादगी के साथ कर दिया गया। 


अभी चल रहा है जफां का इलाज
अभी भी जफां का इलाज चल रहा है। हर रोज मरहम पट्टी के लिए ज्वाली जी अस्पताल जाना पड़ता है। आज भी पालमपुर में आंखों के चेकअप के लिए शालू को पति जाकिर लेकर गया।