हिमाचल में 9 NGO पर गिरी Blacklist की गाज, जानिए क्यों

Thursday, Mar 02, 2017 - 01:18 AM (IST)

शिमला: केंद्र सरकार ने राष्ट्रीय स्तर की 9 एन.जी.ओ. को ब्लैकलिस्ट कर दिया है। इस संबंध में सरकार को भी सूचना प्रेषित कर दी गई है और इसी कड़ी में हिमाचल प्रदेश शहरी विकास विभाग ने ब्लैकलिस्ट की गई सभी एन.जी.ओ. के नाम सार्वजनिक कर दिए हंै। केंद्र ने हिमाचल सरकार को सरकारी सहायता प्राप्त कर रहे गैर-सरकारी संगठनों की फंडिंग के ऑडिट करने को भी कहा है। इसके साथ ही केंद्र ने ऐसा मैकेनिज्म तैयार करने को कहा है, जिससे पब्लिक फंड का इस्तेमाल कर रही एन.जी.ओ. का ऑडिट और निगरानी की जा सके। सूत्रों के अनुसार केंद्र सरकार ने ये भी निर्देश दिए हैं कि यदि कोई एन.जी.ओ. पब्लिक फंड की अनियमितता में शामिल पाई जाती हैं और वार्षिक लेखा-जोखा नहीं देती हैं, तो उनके खिलाफ नियमानुसार कड़ी कार्रवाई अमल में लाए जाए।

सुप्रीम कोर्ट दे चुका है ये आदेश
गौर हो कि सुप्रीम कोर्ट आदेश दे चुका है कि आमदनी और खर्च का हिसाब न देने वाले सभी एन.जी.ओ. को ब्लैकलिस्ट करते हुए उनके खिलाफ  आपराधिक मामला दर्ज किया जाए। सुप्रीम कोर्ट में केंद्र सरकार द्वारा रखे गए रिकार्ड के अनुसार 32 लाख के करीब एन.जी.ओ. में से महज 3 लाख एन.जी.ओ. ही बैलेंस शीट जमा करवाती हैं, ऐसे में सुप्रीम कोर्ट इस दिशा में ठोस कदम उठाने के आदेश दे चुका है ताकि पब्लिक मनी का दुरुपयोग होने से रोका जा सके।

इन एन.जी.ओ. पर गिरी गाज
केंद्र सरकार ने जिन एन.जी.ओ. को ब्लैकलिस्ट किया है, उनमें उत्तर प्रदेश की जनता जूनियर हाई स्कूल, जोधपुर राजस्थान की ज्योति विकास शिक्षण संस्थान, नई दिल्ली की संकल्प, आंध्र प्रदेश की अक्षय, पश्चिम बंगाल की बी.पी.ए.एस., मणिपुर की गना सुधा एजुकेशल सोसायटी, असम की जनसाथी और बिहार की सिंगमा डिवैल्पमैंट सोसायटी शामिल हैं। भारत सरकार के सामाजिक, न्याय और अधिकारिता मंत्रालय, भारत सरकार के युवा मामले और खेल मंत्रालय तथा भारत के संस्कृति मंत्रालय द्वारा उक्त एन.जी.ओ. को ब्लैकलिस्ट किया गया है, ऐसे में अब ये एन.जी.ओ. हिमाचल सरकार से भी सरकारी सहायता प्राप्त नहीं कर पाएंगी।