अब लाल टमाटर हुआ काला, किसानों के माथे पर छाई चिंता की लकीरें
Saturday, Aug 10, 2019 - 01:02 PM (IST)
सोलन(रवीन्द्र): जिला में पिछले कई दिनों से किसानों की टमाटर की फसल में काला दाग लग रहा है। इससे फसल खराब हो रही है। आलम यह है कि लगाई गई टमाटर की फसल को रातो-रात यह बीमारी अपना ग्रास बना रही है। फसल खराब होने का सिलसिला थम नहीं रहा है।
गौर हो कि इस बार पहले ही टमाटर की फसल काफी कम है और अब इसमें लगी बीमारी से भी टमाटर की फसल तबाह हो रही है। इससे किसानों को अपनी फसल को बचाने की चिंता सता रही है। जिला सोलन टमाटर उत्पादन के लिए जाना जाता है और हर वर्ष यहां करोड़ों रुपए का टमाटर का कारोबार होता है। टमाटर की फसल में लग रहे इस रोग के कारण टमाटर का उत्पादन काफी प्रभावित हुआ है जिससे किसान चिंतिन हैं। सोलन क्षेत्र के किसानों का कहना है कि यह बीमारी छोटे-बड़े सभी टमाटर को अपना ग्रास बना रही है, वहीं एक टमाटर दूसरे अन्य टमाटर को भी खराब कर रहा है।
टमाटर में काला दाग की बीमारी पिछले करीब 4-5 वर्षों से लगनी शुरू हुई है। इससे पहले इस तरह की बीमारी टमाटर में नहीं पाई जाती थी लेकिन अब यह बीमारी हर वर्ष किसानों की टमाटर की फसल को खराब कर रही है। इसकी शुरूआत में टमाटर में एक छोटा-सा काला दाग पड़ जाता है जोकि रातो-रात पूरे टमाटर को खराब कर देता है। हालांकि जब यह दाग लगना शुरू होता है उस समय टमाटर कठोर बना रहता है। जैसे ही यह रोग पूरी तरह से फैल जाता तो टमाटर को भी कमजोर कर पिलपिला कर देता है।
सोलन के पादप रोग विशेषज्ञ डा. संदीप कंसल ने बताया कि टमाटर में लगने वाले काले दाग का मुख्य कारण अधिक बारिश या खेत में पानी का खड़ा रहना होता है। इसके चलते यह बीमारी लग जाती है। इसकी रोकथाम के लिए किसानों को टमाटर के खेत में पानी की निकासी की उचित व्यवस्था रखनी चाहिए, वहीं टमाटर की जड़ से लेकर करीब 15 से 20 सैं.मी. की ऊंचाई तक के पत्तों को काट देना चाहिए। इसके अलावा किसान रिडोमिल एमजैड और इंडोफिल एम 45 प्लस सैंडोविट 40 ग्राम 15 मिलीग्राम पानी के साथ मिलाकर छिड़काव करें। इसके बाद 8 से 10 दिन इसे रिपीट करना चाहिए।