काले धन पर सर्जिकल स्ट्राइक से नहीं उबरा बर्फीला रेगिस्तान

Saturday, Mar 18, 2017 - 11:50 AM (IST)

उदयपुर: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की काले धन पर सर्जिकल स्ट्राइक से देशवासियों को बेशक राहत मिल गई हो लेकिन प्रदेश के सबसे ठंडे बर्फीले रेगिस्तान स्पीति में नोटबंदी की मार ने खाताधारकों की कमर तोड़ दी है। बैंकों की शाखाओं से अभी तक हफ्ते में 4 हजार रुपए दिए जा रहे हैं। इन 4 हजार रुपयों के लिए लोग बर्फ में कई दिन के पैदल सफर के बाद काजा पहुंच रहे हैं। उधर, काजा से शिमला तक सड़क यातायात बहाल होने के बावजूद बैंक प्रबंधन को अभी भी चिंता है कि बैंक शाखा कहीं ड्राई न हो जाए इसलिए वित्तीय लेन-देन संतुलित तरीके से करना पड़ रहा है। 


4 माह के बाद भी नोटबंदी की मार
जानकारी के अनुसार शीत मरुस्थल स्पीति में एस.बी.आई. की कुल 3 शाखाएं स्थापित की गई हैं। इसके अलावा के.सी.बी. की एकमात्र शाखा भी काजा में है। वित्तीय लेन-देन के लिए पूरे जनजातीय उपमंडल में बैंकों की यहां 4 शाखाएं हैं। हंसा स्थित एस.बी.आई. की शाखा को सर्दियों के दौरान मुख्यालय काजा के लिए स्थानांतरित किया गया है। यानि स्पीति उपमंडल में इस समय महज 3 शाखाएं समस्त खाताधारकों का लेन-देन कर रही हैं, ये सभी शाखाएं करीब 4 माह के बाद भी नोटबंदी की मार से उबर नहीं पाई हैं। नोटबंदी के बाद पी.एम. ने हालांकि 50 दिनों की मोहल्लत मांगी थी लेकिन नोटों का अकाल पड़े स्पीति में 4 महीने बीत गए हैं। 


स्पीति में कैश के लिए हर तरफ मारामारी
आलम यह है कि जिन्हें लाखों की जरूरत है, उन्हें हफ्ते में 4 हजार रुपए थमाए जा रहे हैं। ए.टी.एम. से सप्ताह में 10 हजार रुपए निकालने की हालांकि व्यवस्था है लेकिन बताया गया है कि काजा में ए.टी.एम. भी बीते नवम्बर माह से खराब पड़ा है जिससे बैंकों के खाताधारक लंबे समय से आर्थिक तंगहाली में जूझ रहे हैं। नोटबंदी ने उन्हें अभी तक संभलने का मौका नहीं दिया है। ग्राम पंचायत खुरिक के प्रधान संजीव कुमार, तनपा ज्ञालसन, तेंजिन टाकपा, छेरिंग डोलमा, दिकित आंगमों व कलजंग फुंचोग सहित एस.बी.आई. के कई खाताधारकों को कहना है कि स्पीति में कैश के लिए हर तरफ मारामारी है।