नगर निगमों के चुनाव में बीजेपी के साढ़े तीन वर्षों की सत्ता का होगा हिसाब: राणा

Thursday, Apr 01, 2021 - 06:26 PM (IST)

सोलन : प्रदेश के चारों नगर निगमों का चुनाव बीजेपी के साढ़े तीन साल के कार्यकाल का करेगा हिसाब। प्रदेश का शहरी मतदाता अब यह सोचने पर विवश है कि बीजेपी को वोट क्यों और किस कारण से दिया जाए। यह बात राज्य कांग्रेस उपाध्यक्ष एवं विधायक राजेंद्र राणा ने यहां जारी प्रेस बयान में कही है। राणा ने कहा कि बेरोजगारी, महंगाई व महामारी से तबाह हुए लोगों के कारोबार अब नगर निगम चुनाव की बेला में सरकार की कारगुजारी का हिसाब मांग रहे हैं। उन्होंने कहा कि जब बीजेपी के उम्मीदवार नगर निगम चुनावों में वोट मांगने के लिए आएं तो उनसे बेरोजगार यह सवाल जरूर पूछें कि उनके लिए तीन वर्ष में सरकार ने क्या किया है और अब उन्हें वोट क्यों और किस कारण से दिया जाए। बीजेपी के दृष्टिपत्र का क्या हुआ। प्रदेश में लचर स्वास्थ्य सेवाओं की हालत अगर तीन सालों में सरकार नहीं सुधार पाई तो आगे उनके झूठे वायदों पर बेरोजगार व शहरी आवाम क्यों और कैसे भरोसा करे।

उन्होंने कहा कि नगर निगम चुनावों के नतीजों का बदलाव प्रदेश के आने वाले विधानसभा चुनावों के लिए फतवा होगा और यह फतवा अब प्रदेश के हर वर्ग को सताने व डराने वाली सरकार के खिलाफ देना जरूरी है। उन्होंने कहा कि सोलन नगर निगम चुनावों में आवाम का गुस्सा सरकार के प्रति स्पष्ट देखा जा रहा है। जनता यह जान चुकी है कि बीजेपी हर चुनाव से पहले झूठे वायदों व दावों का अंबार लगा देती है लेकिन सत्ता संभालने के बाद तमाम दावों व वायदों को भूल जाती है। सत्ता उनके लिए सुख और साधन का जरिया है। चुनावों से पहले तो बीजेपी आसमान से तारे तोड़ लाने की बात करती है। सत्ता मिलते ही इन सब वायदों को भूल जाती है। सरकार को बताना होगा कि ऐसी क्या मजबूरियां रही हैं कि जिनके चलते प्रदेश को कर्जे के पहाड़ के नीचे बीजेपी के हर शासनकाल में दबाया जाता रहा है। बेरोजगारों से सत्ता के दम पर छल और षड्यंत्र किया जाता रहा है। उन्होंने कहा कि सोलन चुनाव प्रचार के दौरान उन्होंने एक तथ्य और तर्क को महसूस किया है कि अब बीजेपी के कार्यकर्ता भी बीजेपी के उम्मीदवारों से कन्नी काट रहे हैं। क्योंकि वह समझ चुके हैं कि बीजेपी झूठे व स्टंटबाजों की पार्टी है।

जहां पार्टी की सेवा में लगे हुए कार्यकर्ताओं को भी लगातार ठगा व छला जाता है। उन्होंने कहा कि अब तक के हुए पिछले चुनावों में यह देखा गया है कि जो व्यापारी वर्ग बीजेपी का सबसे बड़ा हिमायती रहा है उसी व्यापारी वर्ग को पूरी तरह से तबाह कर डाला है। लोगों के काम धंधे बंद हो चुके हैं। बैंकों के कर्ज की किश्तें चुकाने में व्यापारियों की नींदें हराम हैं लेकिन बीजेपी विभिन्न टैक्सों व चालानों का डंडा चलाकर इस वर्ग को जमकर लूट रही है। बीजेपी की इस कथित लूट का हिसाब अब प्रदेश का शहरी आवाम नगर निगम चुनावों में करेगा। उन्होंने कहा कि हालात इस कदर खराब हो चुके हैं कि अब नगर निगम के चुनावों में मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर को वोट मांगने के लिए शहर-दर-शहर आना पड़ रहा है। जो कि यह बताता है कि अब नगर निगम की सत्ता से बीजेपी का सूपड़ा साफ होने वाला है। इस हकीकत को चुनाव से पहले बीजेपी समझ चुकी है। शायद इसलिए मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर को अब नगर निगम के चुनावों की जमीन पर उतरना पड़ा है।
 

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prashant sharma